हिमकर श्याम
राष्ट्रपति शासन लगबा स जतय सूबा क लोक राहत महसूस करि रहल अछि, ओतहि तमाम विधायक क छटपटाहट आ बेचैनी बढ़ि गेल अछि। राष्ट्रपति शासन सूबा क विधायक कए बेकार बना देलक अछि। इ बेगारी हुनका रास नहि आबि रहल अछि। जेना-जेना राष्ट्रपति शासन मे व्यवस्था कए पटरी पर अनबाक प्रयत्न भ रहल अछि तेना-तेना इ बेचैनी बढल जाइत अछि। बहुसंख्यक विधायक राष्ट्रपति शासन क खिलाफ छथि। कोई खुलकए त कोई दबल मुंह स एकर विरोध करि रहल छथि।
विधायक क इ बेचैनी लूट क खेल मे शामिल नहि हेबा स अछि। इ बेचैनी सत्ता स दूर जेबाक कारण अछि। इ बेचैनी विधायकी पर मंडरा रहल खतरा क वजह स अछि। सबकिछु दांव पर लगाकए विधायक बनल एहि माननीय क विधायकी चुनाव क बाद सेहो रहत, इ निश्चित नहि अछि। विधायक क चेहरा क मायूसी हुनकर दर्द बयां करि रहल अछि। विकास क नाम पर काल्हि तक सुतल चेतना अचानक जाग्रत भ गेल अछि। सबकए राज्य क विकास आ भ्रष्टाचार क चिंता सताबे लागल अछि।
इ बेचैनी झाामुमो मे सबस बेसी अछि। झामुमो अपना कए लोकतांत्रिक सरकार क पक्षधर बता रहल अछि। सरकार बनेबाक सवाल पर ओकरा पहिनो ककरो स परहेज नहि छल एखनो नहि अछि। सरकार बनेबाक आस मे हेमंत दर-दर भटकि रहल छथि। हेमंत सोरेन पुनः सत्ता क भोग लगेबा लेल बेहद आतुर छथि। ओ कखनो भाजपा क मन टटोल रहल छथि त कखनो कांग्रेस क। खबर अछि जे सरकार खसलाक बाद हेमंत लगातार अर्जुन मुंडा क संपर्क मे छथि। सरकार क मुद्दा पर ओ कई बेर भाजपा क केंद्रीय नेतृत्व स भेंट करि चुकला अछि। हुनकर हताशा एतबा बढि गेल अछि जे ओ एतबा धरि कहि चुकला अछि जे सरकार कियो बना ले झामुमो ओकर समर्थन करत। भाजपा आ झाामुमो क बिखरल कड़ी कए जोड़बा काज सुदेश महतो क जिम्मा अछि। सुदेश महतोेेे आजसू क स्थापना दिवस क मौका पर कहने छलाह जे हुनकर कोशिश राज्य मे वैकल्पिक लोकप्रिय सरकार क गठन अछि। राष्ट्रपति शासन विकल्प नहि अछि।
राष्ट्रपति शासन लगेलाक बाद झारखंड मे सत्ता क कमान केंद्र क हाथ मे अछि। अगर छह महिना तक राष्ट्रपति शासन रहि गेल त अधिकतर विधायक क की होएत, कियो चुनाव नहि चाहैत अछि। ओ चुनाव मे जेबा स डरा रहल छथि। हुनका डर अछि जे दोबारा विधानसभा क मुंह देखब बा नहि। सत्ता सुख क अहसास हुनका बेचैन केने अछि। हुनका बुझल अछि जे एक बेर विधायकी गेल त बुझू सबकिछु गेल। सत्ता क खेल मे सब अपन गोटी फिट करबा मे लागल अछि। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव क संकेत द देलथि अछि, मुदा प्रदेश कांग्रेस सरकार बनेबाक पक्ष मे अछि। कांग्रेस क सहयोगी झाविमो विधानसभा भंग करि नव जनादेश क पक्ष मे अछि। भाजपा क केंद्रीय नेतृत्व झामुमो क संग सरकार बनेबाक खिलाफ बयान दे रहल अछि, मुदा भीतरे भीतर सरकार गठन क प्रक्रिया मे सेहो लागल अछि। प्रदेश भाजपा मे सरकार क मुद्दा पर अलग-अलग राय अछि। रघुवर गुट आ अर्जुन मुंडा गुट एहि मुद्दा पर बंटा नजर आबि रहल अछि। राष्ट्रपति शासन क पूर्व इ गुटबाजी खुलिकए सामने आयल छल। इ गुटबाजी सेहो नेतृत्व ले अछि। एहि दावेदार क बीच एकटा तेसर दावेदार सेहो छथि, यशवंत सिन्हा। भाजपा क राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी यशवंत सिन्हा कए मुख्यमंत्री बनेबा लेल तैया छथि।
सत्ता क इ बेचैनी एहि विधायक कए दलगत राजनीति स ऊपर उठकए जाहि मुद्दा पर जोड़बाक काज करि रहल अछि ओ मुद्दा अछि वैकल्पिक सरकार क गठन क। सरकार क गठन क लेल द कोनो हद तक जा सकैत छथि। हिनकर मौजूदा रूख कए देखि कए लगैत अछि जे झारखंड मे किछु आओर राजनीति नौटंकी हैब बाकी अछि। यदि एहन भेल त फेर एक बेर आदर्शविहीन सरकार हमर सामने होएत, जे झारखंड क लेल अशुभ साबित होएत। यदि झारखंड क जनता क गप करि त ओ कखनो एहन सरकार क पक्षधर नहि होएत जेे विकास क मुद्दा कए छोड़िकए भ्रष्टाचार आ खींचतान मे लागल रहए। लोक कए उम्मीद अछि जे राज्यपाल एमएचओ फारूक राष्ट्रपति शासन क अवधि मे विकास कार्य मे गति आनि कए झारखंड क जनता क समस्या कए कम करबाक प्रयास करताह।
झारखंड कए देखी कए एकटा गप साफ भ जाइत अछि जे राजनीति जखन नकारा क हाथ मे चलल जाइत अछि तखन व्यवस्था क विघटन केहन भ सकैत अछि। राज्य मे गैरजवाबदेह आ निरंकुश व्यवस्था स्थापित भ चुकल अछि। राजनीति क मौजूदा शैली स लोकतंत्र चरमरा गेल अछि। इ हमर दुर्भाग्य अछि जे झारखंड मे राजनीति क नाम पर षडयंत्र, कुचक्र आ तिकड़मबाजी होइत रहल अछि। एहि ठाम राजनीतिक सर्जनशीलता कुंठित भ जड़ बांझपन क स्थिति मे पहुंच गेल अछि।