मोर भैया जीबो कि तोर भैया जीबो, दूनूक भैया लाख बरख जिबो, हमर भैयाक पीठ जइसन धोबियाक पाट, हमर भैया क जांघ जइसन केराक थम……. । आई सामा-चकेबा अछि। बहिन सब जुटलथि सामा रंगबा मे। सांझ खन तामल खेत मे चुगलाक मुंह मे आगि लगा चुगलखोर कए सबक सिखेबाक पूर्ण होयत कर्मकांड। बहिन मांगत भाईक ओरदा, भाई फोरद पहिनक शिरि। बाजत ढोल। हेगेई बहिना चलै चल सामा खलाई……
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