कानून लागू नहि भेला पर चरणबद्ध बंद होएत शराब क दुकान
कुमुद सिंह
पटना। बिहार मे शराब बंदी पर पेंच फंसल अछि। नीतीश कुमार एहि पर अपन इच्छा प्रकट क चुकल छथि, मुदा बाट की होएत ताहि पर नव नीति एबाक बाट देखा रहल छथि। नव शराब नीति बनेबा मे जुटल अधिकारी दुविधा मे छथि। एक दिस नीतीश क संकल्पा त दोसर दिस राज्यि क आर्थिक हित। ऊपर स शराब लॉबीक अलगे दबाव। सूत्र क मानी त नब शराब नीति तखन धरि कोनो ठोस मूर्त रूप नहि ल सकैत अछि जा धरि केंद्र मे जीएसटी बिल पास नहि भ जाइत अछि । यैह कारण अछि जे नीतीश कुमार शराब बंदी क तारीख सेहो एक अप्रैल तय केने छथि जे देश मे जीएसटी लागू हेबाक तारीख अछि। एहन मे तय मानल जा रहल अछि जे बिना जीएसटीपर फैसला कए बिहार मे नब शराब नीति पर कोनो अंतिम फैसला नहि भ सकैत अछि । सूत्रक मानी त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीएसटी क प्रावधान क मद्देनजर राज्य मे शराब बंदी कघोषणा एक अप्रैल स केने छथि। नीतीश कुमार क नजरि जीएसटी पर टिकल अछि ।
केंद्र सरकार जीएसटी क ओहि प्रावधान कए मंजूर क चुकल अछि जाहि स बिहार मेशराबबंदी क बाद राज्य क आर्थिक सेहत पर पडैवाला कुप्रभाव कए कम कैल जासकैत अछि । जानकार लोकक मानी त जीएसटी क प्रावधान क अनुसार जाहि राज्य मे उद्योग स राजस्व क प्राप्ति कम भ रहल अछि, ओहि राज्य कए जीएसटी क माध्यम स केंद्र अतिरिक्त सहायता प्रदान करत। एहि प्रावधान स बिहार जइसन राज्य कए सबस बेसी फायदा भेटत । एहि प्रावधान क बल पर शराब बंदी क बाद राज्य क आर्थिक सेहत पर पडैवाला कुप्रभाव कए कम करबाक योजना पर काज कैल जा रहल अछि । उत्पाद आ मद्यनिषेद विभाग क अधिकारी क मानी त स्प्रीट टाइप-1 केंद्र क अधिकार क्षेत्र मे अछि, जखनकि स्प्रीट टाइप-2 पर पाबंदी क अधिकार राज्य लग अछि। स्प्रीट टाइप-2 स देसी शराब क निर्माण होइत अछि । एथौनॉल सेहो एहि श्रेणी मे आबैत अछि। एहन मे राज्य सरकार एकर उत्पादन कए बंद नहि क सकैत अछि । पाबंदी केवल एकर बिक्री पर लगा सकैत अछि। एहि पाबंदी स सरकार एक कुल 4882 करोड क राजस्व क हानि क आशंका अछि। एखन देसी शराब स 16 सौ आआरे विदेशी शराब स करीब 26 सौ करोड क राजस्व अबैत अछि । राजस्व विभाग क एकटा पैघ अधिकारी क अनुसार जीएसटी अगर लागू भ गेल, त राज्य मे एक झटका मे शराबबंदी संभव अछि, मुदा अगर कोनो कारण स लागू नहि भेल, त बिहार सन विकासशील राज्य लेल एक झटका मे शराबबंदी आत्मघाती साबित होएत। एतबा पैघ पैमाना पर राजस्व क भरपाई करब नामुकिन अछि। एहन मे अधिकारी क कहब अछि जे सरकार लग मुख्यमंत्री क एहि संकल्प कए पूरा करबा लेल केवल एकटा रास्तान अछि जे एकरा चरणबद्ध तरीका स लागू कैल जाये। दरअसल केंद्र में मचल घमासान स इ संकेत भेट रहल अछि जे मोदी सरकार एहि सत्र मे एहि बिल कए पास नहि करा सकत, एहन मे विभाग विकल्पर पर काज सेहो क रहल अछि । चरणबद्ध तरीका स शराबबंदी लेल पहिल चरण मे पूरा राज्य मे कंपोजिट आ देसी शराब क बिक्री पर पाबंदी लगाउल जायत। दोसर चरण मे विदेशी शराब क बिक्री कए जिलास्तर तक सिमित कैल जायत। ओकर बाद ओकरा प्रमंडल स्तर तक सिमित कैल जायत। मुख्य सचिव क अध्यक्षता मे बनल समिति एकर अलावा आओर सेहो कईटा प्रस्ताव पर काज क रहल अछि, जाहि पर मुख्यमंत्री समीक्षा करताह। मुदा कोनो अंतिम फैसला संसद मे जीएसटी क पास आ फेल भेला क बाद सामने आउत।
बढिया विश्लेषण..! धंयवाद.