कुमुद सिंह
लोकसभा चुनाव मे भाजपानीत राजग गठबंधन कए अभूतपूर्व सफलत भेटल अछि। 1977 आ 1985 क चुनाव क बाद तेसर बेर एहन परिणाम बिहार मे देखबा लेल भेटल। निश्चित रूप स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में अजय नेताक रूप मे ओहिना स्थापित भेलाह अछि जेना अपन कालखंड मे नेहरू छलाह। 2014 मे मोदीक जीत बहुत हद तक कांग्रेस आ मनमोहनक हारि छल, मुदा 2019 निश्चित रूप स मोदी क जीत छी आ मोदी क एहि सफलता मे हुनकर पार्टी आ सहयोगीक भूमिका सेहो उल्लेखनीय अछि। बिहार मे जखन महागठबंधन बनल छल त काफी जोर शोर स जातीय समीकरण क ढोल पीटल गेल छल। मुदा कागज पर कैल गेल सबटा सियासी समीकरण धरातल पर जमींदोज भ गेल। मोदी क सबका साथ-सबका विकास क नीति आ सीएम नीतीशक सात निश्चय मे विरोधी दल क जातीय गणित फेल भ गेल। दरभंगा प्रमंडलक तीन मे स तीन, कोसी क दो मे स दो, सीमांचल क चार मे स तीन, अंग क्षेत्र क तीन मे स तीन, चम्पारण क चार मे स चार, तिरहुत क चार मे स चार सीट पर एनडीए विजय भेल अछि।
एहिना मगध क औरंगाबाद, गया, नवादा, पटना साहिब, नालंदा, पाटलिपुत्र मे सेहो एनडीए जीत चुकल अछि। जहानबाद सारण, महाराजगंज, गोपालगंज, आ सीवान पर एनडीए जीतल अछि।
बिहारक परिपेक्ष मे इ परिणाम बहुत किछु कहैत अछि। नीतीश कुमार क लोकप्रियता क एकबेर फेर स परीक्षा भेल। 17टा सीट मे स 16टा सीट जदयू जीत चुकल अछि। एक बेर फेर साबित भेल जे नीतीश जाहि समूह मे रहताह ओकर सफलता अपूर्व होएत। विधानसभा चुनाव मे लालू क करिश्मा केतबा छल से एहि परिणाम स देखार भ रहल अछि। निश्चित रूप स 2015 क चुनाव मे जीत का श्रेय नीतीश कुमारक काज आ छवि रहल छल। नीतीश कुमार कए बिहार मे कमजोर हेबाक सबटा आशंका निर्मूल साबित भेल।
जहां धरि लोकसभा चुनाव परिणाम मे महागठबंधन क सवाल अछि त आकर महा हारि क पाछु कईटा कारण रहल। नैना नेतृत्व, सीटक गलत वितरण आ निजी स्वार्थ आ अहं क संग-संग कांग्रेस क ताकत कए अस्वीकार करब राजद कए महग पडि गेल। राजद कए एहि बेर शून्य सीट स संतोष करै पडल। हम, रालोसपा आ वीअइपी संन पार्टी कए सेहो खाता नहि खुलल। केवल ओहि कांग्रेस कए 1 सीट पर जीत भेटल जाहि कांग्रेस कए राजद बिहार मे मुकेश सहनीक वीआपी पार्टी स कम जनाधार वाला दल बतेने छल। राजद अपना कए सबस बेसी जनाधार वाला दल बता महागठबंधन क मुखिया बनल छल, मुदा परिणाम इ रहल जे पार्टी कए एहन हारि एखन धरिक इतिहास मे नहि भेटल छल। लालू प्रसाद क बेटी मीसा भारती तक चुनाव हारि गेलीह।
लोकसभा चुनाव तेजस्वी यादव क नेतृत्व मे लडल गेल छल मुदा हुनकर जिंदगी क पहिल लड़ाई में ओ असफल रहलाह। गठबंधन कए भेटल हारिक बाद ओ मौन छथि मुदा हुनका एखन बहुत सवालक जबाव देबाक अछि। जाहि कांग्रेस कए ओ मुकेश सहनी स कम जनाधार बना कईटा सीट देबा स मना क देने छलाह ओहि सीट पर महागअबंधन क हारि हुनक राजनीतिक क्षमता कए देखार करैत अछि। आजुक तारीख मे अगर कानो विपक्षी दल बिहार में भाजपा कए हरेबाक क्षमता देखेलक अछि त ओ कांग्रेस अछि। तेजस्वी यादव मौन साधि रखने छथि। राजद कार्यालय मे सन्नाटा अछि, मुदा अगर कोनो विपक्षी दलक कार्यालय मे जीतल उम्मीदवारक बाट ताकल जा रहल अछि त ओ राजद, हम, रालोसपा या वीआइपी नहि बल्कि वो कांग्रेस कार्यालय अछि। निश्चित रूप स कांग्रेस संगठन मे एहि जीत स उत्साहक संचार होएत। निश्चित रूप स कांग्रेस अपन नेतृत्व आ जनाधार कए मजबूत करत आ जेना लोकसभा चुनाव मे राजद आ अन्य दल ओकरा जनाधारहीन बता कम हिस्सेदारी देलथि तेना आब विधानसभा मे कांग्रेस कए कम हिस्सेदारी शायद नहि द पौताह। सवाल गठबंधन क नेतृत्व पर सेहो कांग्रेस उठा सकैत अछि। ताहि लेल भाजपानीत राजग कए त एहि अपूर्व जीत पर बधाई, मुदा आजुक हीरो त कांग्रेस अछि बिहार मे…