• मुखपृष्ठ
  • ईपेपर
  • संपर्क
Esamaad
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक
No Result
View All Result
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक
No Result
View All Result
Esamaad

बिहारक संगीत परंपराक संगहि समृद्ध भेल भारतक संगीत : प्रवीण

July 12, 2019
in समाचार
A A

दोसरसमाचार

Maithili in Primary Education, Bihar, Mithila, Maithil, Twitter Trend, Maithili ki Padhai, Bihar me Maithili,

प्राथमिक शि‍क्षा मे मैथि‍ली भाषाकेँ पढ़ाई लेल चलाओल गेल ट्वीटर ट्रेंड : भारत संगे नेपालक मैथिल लेलनि हिस्सा

January 5, 2021

सात जिला मे बनत बहुउद्देशीय इंडोर स्‍टेडि‍यम, सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक आ स्विमिंग पुल, केंद्र देलक 50 करोड़

December 26, 2020

एम्स मे शिफ्ट होयत डीएमसीएच क सामान, मार्च मे होएत उद्घाटन, नव सत्र स पढाई

December 26, 2020
होटल मैनेजमेंट क पढ़ाई करती बालिका गृह क 16 बालिका लोकनि, 29 कए जायतीह बेंगलुरु

होटल मैनेजमेंट क पढ़ाई करती बालिका गृह क 16 बालिका लोकनि, 29 कए जायतीह बेंगलुरु

December 24, 2020

कुमुद सिंह
पटना । भोजपुरीक कला साधक भिखारी ठाकुरक पुण्यतिथि पर आयोजित बिहारनामा मे भारतीय संगीत मे बिहारक योगदान पर व्याीख्यालन दैत डॉ. प्रवीण झा कहला अछि जे बिहारक संगीत परंपराक संगहि भारतक संगीत समृद्ध भेल। बिहारक चर्च केने बिना भारतीय संगीतक कथा आरंभ नहि भ सकैत अछि। संगीतक इतिहास मे बिहारक योगदान कए दर्ज नहि होएब केवल दुर्भाग्यरपूर्ण नहि अछि बल्कि भारतीय संगीत इतिहास कए अपूर्ण करैत अछि।
लोक राग, आखर आ बिहार संग्रहालयक संयुक्तण प्रयास स बिहार संग्रहालय परिसर मे बुधदिन आयोजित ‘बिहारनामा’ मे व्याख्यान, बतकही आ सुरक साज सचल। तीन सत्र मे संपन्नु भेल एहि कार्यक्रम मे मूल रूप स बिहारक रहनिहार आ नार्वे निवासी लेखक डॉ प्रवीण झा कहला जे गायन, वादन आ नृत्य तीनों शैली क गप करि त बिहार सबदिन स अग्रणी रहल। ध्रुपद, धमार, कथक, ठुमरीक बिहार केंद्र रहल। बिहारक दरभंगा, बेतिया आ डूमरांव एहन घराना रहल, जिनकर संबंध भारतीय संगीत स बहुत गहीर अछि। गया, पटना आ मुजफफरपुर गायन आ वादनक केंद्र रहल। उत्तर बिहार मे शास्त्रीय संगीत क इतिहास नुकायल अछि। एहि ठाम लोक नृत्य आ संगीत टा कए नहि बल्कि एहि ठामक अभिजात्य संगीत क परंपरा एक सेहो नहि बिसरल जा सकैत अछि। बनैली आ पंचगछिया क इतिहास कहैत अछि जे आन ठाम जेका बिहार मे गायकी कए नहि देखल गेल। एहि ठामक राजा आ जमींदार सेहो नीक गबैया छलाह। संगीत साधकक पीठ रहल अछि। एतबे नहि पखावज, सरोद क गप करि त बिहार एकर मूल मे अछि।
घराना क गप करैत डा. झा कहला जे ध्रुपद सबस पुरान गायन शैली अछि आ सबस पुरान घराना बिहारक बेतिया मे अछि। सबस खास बात इ अछि जे बेतिया घराना आइ सेहो गाबि रहल अछि। ध्रुपदक दोसर पुरान घराना दरभंगा घराना अछि। दरंभगा मे मल्लिक ध्रुपदियाक परंपरा 200 साल क अछि। राधाकृष्ण आ कर्ताराम नाम क दू भाई मिथिला नरेश माधव सिंह क शासन काल मे राजस्थान स दरंभगा आबि मिश्र टोला मे बसाउल गेलाह। डॉ झा कहला जे इ आश्च र्यक गप अछि जे पांचटा घराना मे से दूटा पुरान आ जीवंत घराना बिहार मे अछि जखनकि ध्रुपद संस्‍थान ग्वाघलियर मे अछि जाहि ठाम ख्यागल गाउल जाइत रहल अछि।
डॉ. झा कहला जे केवल ध्रुपद नहि बहुत हद तक ख़याल आ ठुमरीक उत्पत्ति सेहो बिहार मे या फेर बिहार स भेल। कथक नृत्यक जन्म बिहार मे भेल। डॉ झा कहला जे कथक ‘कथा’ शब्द स बनल आ इ गाम गाम मे लोकप्रिय छल। डॉ झा कहला जे एकर लोकप्रियताक अंदाजा एहि स लगैत अछि जे बिहार क कईटा गाम मे आज जखन खुदाई होइत अछि त माटी बा अन्य धातुक क पैर घुँघरू भेटैत अछि। डॉ. झा इ स्पष्ट केलथि जे लोक संगीत पहिने आयल आ शास्त्रीय संगीत बाद मे। डॉ झा कहला जे कचरी या ठुमरी कोठा पर नहि जन्मल लेलक इ सबटा आंगन आ खेत स कोठा पर गेल। डॉ झा कहला जे आन ठाम जेका बिहारक गबैया भेद नहि केलथि। सब तरहक गायन केलथि। दरभंगा घरानाक पं रामचतुर मल्लिक चारू प्रकारक गायन रूप से गबैत छलाह। एहन आन ठाम नहि भेटत। आन ठाम ख्यादल क गबैया लोकगीत या ठुमरी नहि गौउत। अपन व्याभख्या्न में दावा कए प्रमाणित करबा लेल डॉ झा करीब 100टा गबैयाक नामक आ वंशक उल्लेाख केलथि आ करीब 12टा राग क चर्च केलथि।
उल्लेखनीय अछि जे भिखारी ठाकुर (१८ दिसम्बर १८८७ – १० जुलाई सन १९७१) भोजपुरी भाषा क उत्कृष्ट लोक कलाकार, रंगकर्मी लोक जागरण क सन्देश वाहक, लोक गीत आ भजन कीर्तन कला क जादूगर मानल जाइत छथि। ओ बहु आयामी प्रतिभा क व्यक्ति छलाह आ अपन भोजपुरी गीत आ नाटक क रचना लेल प्रसिद्ध छथि।
कार्यक्रमक ‘बतकही’ सत्र मे उद्घोषक विशिष्ठ अतिथि स विमर्श केलथि। शीर्षक छल ‘भिखारी ठाकुर क रचना मे स्त्रीजक पक्ष आ स्वर’। अतिथि मे ऋषिकेश सुलभ आ तैय्यब हुसैन छलाह। ऋषिकेश एक विख्यात रंगकर्मी, कहानीकार छथि आ ओ भिखारी ठाकुर क जीवन पर आधारित एकटा नाटक सेहो लिखने छथि। जेकर शीर्षक ‘बटोही’ अछि। हुसैन साहब अपन शोध लेल प्रसिद्ध छथि। हुसैन भिखारी ठाकुर क व्यक्तित्व –कृतिक विविध पक्ष पर शोध केनिहार असगर लोक छथि। जखन उद्घोषक हुसैन साहब स इ सवाल केलथि जे शोध स पहिने ओ भिखारी ठाकुर क विषय मे की धरना रखैत छलाह त जवाब बेहद सरल रहल। “लोग आइ सेहो हुनका अलग अलग रूप मे देखैत अछि, कियो हुनकर तुलना महान विद्यापति स करैत अछि त कियो हुनका भोजपुरी नचऽनिया कहि हास्य, उडबैत अछि। भोजपुरी मे हुनकर योगदान कए विश्व बिसरि नहि सकैत अछि। इस क्रम मे ठाकुर क दूटा महत्वपूर्ण रचना, बिदेसिया आ गबर घिचोर क स्त्री पक्ष पर चर्च भेल। विमर्शक अंत मे नवीन भोजपुरिया क एकटा सवालक उत्त्र मे हुसैन कहला जे महेंद्र मिसर आ भिखारी ठाकुरक बीच कोनो संपर्क या संबंध नहि रहल। अगर किये महेंद्र मिसर कए भिखारी क गुरु क रूप मे स्थांपित क रहल छथि त ओ पूर्णत: गलत अछि।
कार्यक्रम क अंत लोक गीत गायक चंदन तिवारी क गायन क संग भेल। चंदन शुरुआत भिखारी ठाकुर क रचना “चलनी के चालल दुलहा, सूप के फटकारल हे“, “छौ गज के साड़ी पेन्हलू” स केलीह, जे सुन कए सभागारक श्रोता मंत्रमुग्ध भ गेलथि। एकर पश्च्यात चंदन बारहमासा सुनौलथि। चूंकि बारहमासा क शुरुआत आषाढ़ स होइत छै ताहि लेल इ मौसम क अनुकूल रहल। एकर बाद …ओढ़नी के चालल दूल्हा, सूप के झटकारल हो….गीत गाउल। गोपालगंज क रसूल मियां क गीत आ ओकर बाद कहिया ले करबअ गुलामी बालमा..। चरखा पर गाउल गीत सेहो सुनेलीह।.. टूटै न तार चरखा चालू रहे.. हमरी चरखा बा देश के आधार..। पत्रकार निराला मंच संचालन क दरम्यान गीत क उत्पत्ति क कहानी कहैत रहलाह। चंदन सुंदरक क सेहो सुनेलीह जेकर संगीत रचना बिस्मिल्ला ह खां केने छलाह। मिर्जापुर कइला गुलजार हो…. कचौड़ी गली सुन कइली बलमू..। महिन्दर मिसिर क गीत पटना से वैद्या बुलाई द नजरा गइली गुईयां….। कजरी.. पिया मेहदी ले आ द मोती झील से…. जाके साइकिल से ना…. अंत मे कचहरी गीत आ चटनी गीत स एहि एतिहासिक आयोजन कए विराम भेटल।

Tags: aakharbhojpurimaithilipatna

Related Posts

Maithili in Primary Education, Bihar, Mithila, Maithil, Twitter Trend, Maithili ki Padhai, Bihar me Maithili,

प्राथमिक शि‍क्षा मे मैथि‍ली भाषाकेँ पढ़ाई लेल चलाओल गेल ट्वीटर ट्रेंड : भारत संगे नेपालक मैथिल लेलनि हिस्सा

January 5, 2021

सात जिला मे बनत बहुउद्देशीय इंडोर स्‍टेडि‍यम, सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक आ स्विमिंग पुल, केंद्र देलक 50 करोड़

December 26, 2020

एम्स मे शिफ्ट होयत डीएमसीएच क सामान, मार्च मे होएत उद्घाटन, नव सत्र स पढाई

December 26, 2020
होटल मैनेजमेंट क पढ़ाई करती बालिका गृह क 16 बालिका लोकनि, 29 कए जायतीह बेंगलुरु

होटल मैनेजमेंट क पढ़ाई करती बालिका गृह क 16 बालिका लोकनि, 29 कए जायतीह बेंगलुरु

December 24, 2020
हेलीकॉप्टर स आब वैशाली आबि जा सकता सैलानी, पर्यटन विभाग बना रहल अछि कॉमर्शियल हेलीपैड

हेलीकॉप्टर स आब वैशाली आबि जा सकता सैलानी, पर्यटन विभाग बना रहल अछि कॉमर्शियल हेलीपैड

December 20, 2020
फेर स शुरू होएत पंजी सूत्रक पढाई, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय शुरू करत डिप्लोमा कोर्स, genetic relations पर होएत शोध

फेर स शुरू होएत पंजी सूत्रक पढाई, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय शुरू करत डिप्लोमा कोर्स, genetic relations पर होएत शोध

December 19, 2020
Next Post

दिल्लीक स्कूल मे होएत मैथिलीक पढाई, भोजपुरी लेल तेज होएत लडाई

कि विवाद स दूर रहत मैथि‍ली क सबस पैघ राशिक पुरस्कार ?

मिथिला मे जे खसल ओ बिहार संग्राहलय मे जा बसल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टटका समाचार

साहित्य समाद – समटल प्रकाश

प्राथमिक शि‍क्षा मे मैथि‍ली भाषाकेँ पढ़ाई लेल चलाओल गेल ट्वीटर ट्रेंड : भारत संगे नेपालक मैथिल लेलनि हिस्सा

सात जिला मे बनत बहुउद्देशीय इंडोर स्‍टेडि‍यम, सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक आ स्विमिंग पुल, केंद्र देलक 50 करोड़

एम्स मे शिफ्ट होयत डीएमसीएच क सामान, मार्च मे होएत उद्घाटन, नव सत्र स पढाई

होटल मैनेजमेंट क पढ़ाई करती बालिका गृह क 16 बालिका लोकनि, 29 कए जायतीह बेंगलुरु

हेलीकॉप्टर स आब वैशाली आबि जा सकता सैलानी, पर्यटन विभाग बना रहल अछि कॉमर्शियल हेलीपैड

फेर स शुरू होएत पंजी सूत्रक पढाई, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय शुरू करत डिप्लोमा कोर्स, genetic relations पर होएत शोध

बिहारक पंचायत क वित्‍तीय स्थिति मे भेल सुधार, पहिल बेर भेटत एक हजार करोड़ तकक उपयोगिता प्रमाण पत्र

आइटीआइ छात्र कए नौकरी देबा लेल 200 कंपनी आउत बिहार, मार्च तक तैयार होएत डेटाबेस

बेसी पढ़ल गेल

No Content Available

सर्वाधिकार सुरक्षित। इसमाद डॉट कॉम मे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ता लग सुरक्षित अछि। रचना क अनुवाद आ पुन: प्रकाशन वा आर्काइव क उपयोग लेल इ-समाद डॉट कॉम प्रबंधन क अनुमति आवश्यक। प्रबंधक- छवि झा, संपादक- कुमुद सिंह, राजनीतिक संपादक- प्रीतिलता मल्लिक, समाचार संपादक- नीलू कुमारी। वेवसाइट क डिजाइन आ संचालन - जया झा।

हमरा स संपर्क: esamaad@gmail.com

  • मुखपृष्ठ
  • ईपेपर
  • संपर्क

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2007-2019 | esamaad.com

No Result
View All Result
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2007-2019 | esamaad.com

error: कॉपी डिसेबल अछि