दरभंगा : कोरोना महामारी स लड़बा लेल सरकार अपन दिस स कोशिश क रहल अछि, मुदा सरकारक प्रयास नकाफी अछि. खास क बिहारक गाम मे त स्वास्थ्य सेवा लगभग खत्म जेकां अछि. एहन मे सवाल उठैत अछि जे हम सब की विकल्प निकाली जाहि स अपन जीवन बचि सकए, सांस रुकबा स रुकि सकए। दरभंगा प्रमंडलक पंडौल प्रखंडक सरिसब गाम मे लोक सब एकटा विकल्प तैयार केलथि अछि. एहि गाम मे निजी सहयोग स नहि केवल सरकार लेल बल्कि दोसर गाम लेल सेहो एकटा उदाहरण पेश केल गेल अछि.
दरभंगा प्रमंडलक पंडौल प्रखंड क सरिसब गांव मे आजादी स पहिने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनल, मुदा 80क दशक अबैत अबैत पुरान सरकारी अस्पताल बंद क देल गेल आ भवन सेहो खंडहर बना देल गेल. गामक लोकक हो हल्ला पर आखिरकार पिछला दशक मे भवनक जीर्णोद्धार भेल. नव-नव डाक्टर सेहो पदस्थापित भेलाह. नव – नव कुर्सी आ टेबुल आयल, मुदा दुर्भाग्य स एहि कोरोना वायरस संक्रमण काल मे सेहो भवन क मुख्य द्वार नहि खुलल. केबार बंद आ ताला लटकल रहल. एहि अस्पतालक हालात स अहां पूरा बिहारक चिकित्सा व्यवस्थाक अंदाजा लगा सकैत छी.
स्थानीय युवा आ प्रवासी ग्रामीण सब मिली कए एहि गाम मे लगभग बंद भ चुकल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कए फेर स जीवित करबा मे लागल छथि. स्वास्थ्य केंद्र मे लटकल ताला त नहि खुलल, मुदा आपसी सहयोग स गामक “बाढ़ राहत भवन” मे कोविड संक्रमित मरीजक प्राथमिक इलाज लेल “आत्मनिर्भर केंद” तैयार क देल गेल. एहि नेक कार्य कए बुद्धिजीवि सब ‘गांव जागे तो देश जागे’ क अप्रतिम मिशाल बता रहल छथि.
जानकारीक अनुसार गामक युवा सब कोरोना स लड़बा लेल एकटा ‘सेल्फ सफ़िशिएंट सेंटर’ बनेबाक फैसला केलाह. गामक मुखियाक समर्थन युवा सब कए उत्साहित केलक. संगहि एहि फैसलाक गूंज गामक प्रवासी लोक तक सेहो पहुंचल. दिल्ली मे रहनिहार वरीय पत्रकार मदन झा गामक युवा आ प्रवासीक बीच सेतु क काज केलिथ आ देखैत देखैत कोरोना संक्रमितक इलाज़ लेल एहि गाम मे उत्तम व्यवस्था भ गेल. ग्राम पंचायत क “बाढ़ राहत भवन” मे कोविड सुरक्षा सह तत्काल प्राथमिक सहायता केंद विकसित कैल गेल. समाज क प्रबुद्ध लोक क उपस्थिति मे एहि केंद्रक विधिवत लोकार्पण भेल. स्थानीय अयाची युवा संगठन कोविड काल मे ग्रामीण कए फ़र्स्ट ऐड सलाह संग अन्य सेवा उपलब्ध करेबा लेल एहि केंद्रक संचालन मे जुटल अछि.
संगठनक कर्ताधर्ता विक्की मंडलक अनुसार गामक प्रवासीक सहयोग स इ सब भ सकल. एहि गाम मूल निवासी आ दिल्ली मे रहनिहार मैनेजमेंट एक्सपर्ट एएन झा आ पटना मे रहनिहार एजुकेशन स्पेशलिस्ट कमल नाथ झा और दिल्ली के पत्रकार मदन झा सब प्रारम्भिक समय स अमूल्य भागीदारी प्रदान केलिथ. हिनक सबहक प्रयास स गामक आर प्रवासी जेना संजय झा, जे मुंबई मे कार्यरत छथि, मधुबनी स्थित पत्रकार उदय कुमार झा स सम्पर्क केलथि आ यथा सम्भव मदद केलथि. उजान गामक संजय सेहो अपन आई.आई.टी. क मित्र सबहक सहयोग स मेडिकल इक्विप्मेंट क इंतज़ाम क देलथि. मुंबई स्थित संस्था “डॉक्टरस फ़ोर यू” क संग संग आई.आई.टी. खरगपुर और INSEAD business school क पूर्ववर्ती छात्र सब सेहो 4 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर ऑक्सीमीटर, पीपीई किट उपलब्ध करा देलथि अछि.
एखन एहि केंद्र मे गामक जरुरत क हिसाब स पर्याप्त संसाधन भ चुकल अछि. एहि केंद्र में चार ऑक्सीजन सिलिंडर, कोरोना संक्रमण मे उपयोगी दवाइयाँ, औक्सीमीटर, थर्मल थर्मामीटर, सैनिटाइजर, मास्क, पीपीई किट आदि अछि जे ग्रामीण क आर्थिक सहयोग स आयल अछि. एहि मे सरकार या बाहरी कोनो संस्थाक योगदान नहि अछि.
एहि केंद्रक संयोजक आ गामक मुखिया रामबहादुर चौधरी कहला जे सरिसब पाही शिक्षा आ आर्थिक दृष्टिकोण स सबदिन सबल रहल. ओना पिछला दू दशक स स्वास्थ्य विभाग क कथित अकर्मण्यता क कारण पंचायत क करीब 100 साल पुरान एपीएचसी बंद अछि. इलाज लेल लोक कए 20 किमी मधुबनी मुख्यालय जेबाक मजबूरी अछि. खासकर कोविड संक्रमण क समय मे एहि इलाकक 10 गाम हाटी, बिठ्ठो रामपुर, इसहपुर, कल्याणपुर, लालगंज, लोहना, पाही, भट्टपूरा, कोइलखाहा मे कोनो चिकित्सा सुविधा नहि अछि. एहि कारण ग्रामीण संग विमर्श क कोविड संक्रमित क फ़र्स्ट एड लेल इ छोट सन प्रयत्न कैल गेल अछि.
किया जरुरत पड़ल ‘सेल्फ सफ़िशिएंट सेंटर’ क
आब सवाल उठैत अछि जे आखिर एहन ‘सेल्फ सफ़िशिएंट सेंटर’ क जरुरत किया भेल? एहि प्रश्न क जबाव इलाके मे स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव अछि. सरिसब मे एक छोटा सा सरकारी अस्पताल अछि. किछु दिन तक इ खस्ता हाल मे छल, एखन बंद अछि. कोनो डॉक्टर एहि ठाम पदस्थापित नहि छल. ग्रामीण क दवाब आ बहुत ज्यादा भागदौर करलाक बाद एहि ठाम एकटा डॉक्टर क पदस्थापन भेल, मुदा कोरोना काल मे सेहो ओ हुनकर प्रतिनियुक्ति जिला मुख्यालय क कोविड केयर सेंटर पर क देल गेल अछि. नतीजा क़रीब 10 किलोमीटर क आसपास मे कोनो सरकारी अस्पताल बा डॉक्टर नहि अछि. क्षेत्र क जनता क इ नियति बिन चुकल अछि.
आस पास क गाँव हाटी, बिठ्ठो, इसहपुर, रामनगर, संकोर्थु, लोहना, पाही, लालगंज, भट्टपुरा, गंगौली, कोइलखाहा आदिक लोक लेल स्वास्थ्य सुविधा क अभाव अछि. लोक कए इलाज लेल या त मधुबनी मुख्यालय या झंझारपुर, सकरी विकल्प अछि. अंत मे त दरभंगा जायब मजबूरी अछिये. कोरोना क समय मे एतबा दूर जायब गरीब लोक लेल की अमीर लेल सेहो मुश्किल अछि. एहन मे आसपास क सबटा सरकारी सेंटर पर डॉक्टर क अभाव क्षेत्र क जनता कए मजबूर क देलक जे ओ अपना स्तर पर आत्मनिर्भर होइथि. आपात स्थिति स निपटबा लेल आखिर लोक कतए जायत. एहन मे इ केंद्र लोक लेल जीवन दायनी सिद्ध होएत.