रामबाबू
नयी दिल्ली। गंडक वाटरवेज क नींव राखल गेल। अहि नेशनल वाटरवेज पर डेढ़ सए करोड़ खर्च होयत। छपरा-मुजफ्फरपुर नेशनल हाईवे गंडक नदी पर बनल रेवा घाट पुल केर कारण 270 किलोमीटर लम्बा नेशनल वाटरवेज असम्भव अछि जकर खुलासा नेपाल बॉर्डर सँ पटना धरि पसरल गंडक नदीमे जलमार्ग शुरू करय लेल कएल गेल सर्वेमे कएल गेल अछि।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) केर चारि क्षेत्रीय कार्यालयमे सँ एक पटना अपन नोएडा मुख्यालयकें ई रिपोर्ट देलक। अहि गंडक वाटरवेज केर डीपीआर बनि चुकल अछि। सम्प्रति अहि पर तेरह करोड़ ख़र्च भS रहल अछि। सर्वे केर मोताबिक रेवा घाटक पूल जा धरि उँचगर नहि बनत ता धरि बिहार आ पड़ोसी देश नेपाल लेल अहि वाटरवेज केर विकसित नैS कएल जा सकैए। रिपोर्टमे देल गेल अछि जे बरखाक दिनमे जलस्तर सँ पूलक ऊंचाई कमसँ कम 8 मीटर चाहि आ अहि मानक पर रेवा घाट पूल फेल अछि। बरखाक समय जलस्तर सँ पुल केर ऊंचाई केवल 3 मीटर रहि जाएत अछि।
अहि अवस्थामे कोलकत्ताक हल्दिया पोर्ट सँ चलय वाला जहाज बिहारके इस्ट-वेस्ट काॅरिडोर (द्वारका-सिल्चर राजमार्ग) आऔर नेपाल बाॅर्डर धरि पहुँचिए नहि सकैए। आईडब्ल्यूएआई सूत्र केर कथन अछि जे केरलमे कोल्लम-कोझीकोड (नेशनल वाटरवेज-3) करे संचालनमे सेहो पूल बीचमे आबि रहल छल जकरा तोड़ल जा रहल अछि। एहनमे ओतहु पूल तोड़बाक बाद सँ सभ दिक्कति खतम भ जाएत।
ई केंद्र सरकार तय करत की बिहार, उत्तर प्रदेश आओर पड़ोसी देश नेपालक लेल अति महत्ता वाला अहि वाटरवेज के शुरू करेबाक लेल रेवा घाट पूल कोन तरहे उँचगर कएल जाए? आईडब्ल्यूएआई 270 किलोमीटर लंबा वाला अहि नेशनल वाटरवेज संख्या- 37 केर विकसित करबाक लेल 150 करोड़ रुपैयाक ख़र्चकें प्रोजेक्ट बनेलक अछि।
नेपाल बाॅर्डर (भैंसा लोटन बराज) सँ बगहा, बेतिया, डुमरिया घाट, कल्याणपुर, वैशाली होयत ई वाटरवेज पटना केर गाय घाट धरि विकसित होय वाला अछि। आईडब्ल्यूएआई केर पटना कार्यालय केर कथ्य अछि की सड़क परिहवन आऔर राजमार्ग मंत्रालयकें सँग जहाजरानी मंत्रालय केर दायित्व एखन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जीक हाथमे अछि, एहनमे एकर निदान जल्दिए अएबाक सम्भावना अछि।