दिल्ली मैथिली भोजपुरी अकादमी क उपाध्यक्ष आ आप नेता नीरज पाठक पिछला पांच साल मे मैथिली आ भोजपुरी कए अकादमीक माध्यम से सक्रिय रखलथि। जखन पूरा देश में भाषाई अकादमी अपन वजूद बचेबा लेल संघर्ष क रहल अछि, तखन दिल्ली मे सतत अकादमिक गतिविधि होइत रहल। आकादमिक गतिविधि आ दिल्ली विधानसभा चुनाव पर नीरज पाठक से इसमाद लेल केलथि अछि शोध संपादक सुनील कुमार। समदिया।
यूपीक पूर्वांचल मे मिथिलाक पहचान हेरा त नहि जायत
देखियौ हमरा-अहां लेल ओ अवश्य जरुरी अछि, मुदा दिल्लीक राजनीतिक परिपेक्ष्य मे सब पूर्वांचलिये अछि। चाहे ओ भाजपा होए, कांग्रेस होए वा आम आमदमी पार्टी। हुनका लेल पूर्वांचल मने पूर्वी उत्तर प्रदेश आ बिहारक लोक जे मैथिली आ भोजपुरी बजैत छथि आ दिल्ली मे रहैत छथि।
चुनावी घोषणपत्र में मैथिली आ भोजपुरी लेल की अछि
देखियौ, एहि बेर हम सब भोजपुरी भाषा कए संविधान मे दर्जा दियेबा लेल कृतसंकल्पित छी। मैथिली कए भेट चुकल अछि, मुदा भोजपुरी बांचल अछि। हम एहि मुद्दा कए अपन घोषणापत्र मे रखलहुं अछि। हमर सरकार बनत त सदन स सडक तक एकरा लेल आंदोलन करब आ सदन स विधिवत प्रस्ताव पारित करा केंद्र स अनुरोध करब। भोजपुरी कए आठम अनुसूची मे जगह दिएबाक लेल हर संभव काज करब। ओना हम सब पिछला साल घोषणा केने रही जे मैथिलीक पढ़ाई दिल्लीक हरेक सरकारी स्कूल मे अनिवार्य रूप स होएत। भोजपुरी कए अगर दर्जा भेट गेल त कोशिश करब जे दिल्लीक स्कूल मे मैथिलीक संगहि भोजपुरीक पढ़ाई सेहो हुए।
अहाँ घोषणा क दैत छी मुदा ओकरा बिसरि जाइत छी। मैथिली आ भोजपुरीक क्षेत्र मे विशेष योगदान केनिहार व्यक्ति कए सम्मानित करब। इ घोषणा सेहो भेल छल, मुदा…
बिसरैत नहि छी यौ, बदनामी स बचैत छी। हम सब जे सम्मानक घोषणा केने रही ओ सूची तैयार अछि। नाम फाइनल भ गेल छै, चुनाव क बाद 31 मार्च स पहिने हम एकर घोषणा क पुरस्कार वितरित क देब। चुनावक समय मे हम बदनामी स बचबा लेल सूची कए दबा रखने छी। लोग एकरा चुनाव स जोडि़ दैतिये आ जे व्यक्ति सम्मानित हेताह हुनकर राजनीतिकरण भ जइते।
मैथिली भोजपुरी अकादमी केवल सांस्कृतिक आयोजन करैत अछि, अकादमिक गतिविधि कम होइत अछि, से किया
अहां क इ गप किछु हद तक सही अछि, मुदा मैथिली अकादमीक आगामी योजना बौद्धिक आयोजनक अछि। अकादमीक पिछला साल जरुर सांस्कृतिक क्षेत्र बेसी सक्रिय रहल, एहि बेर हम सब किछु बौद्धिक करबाक योजना बना रहल छी।
आम आदमी पार्टी लग पूर्वांचलक लोक लेल की खास विकासक मॉडल अछि ?
दिल्ली मे पिछला 5 साल मे जे विकास भेल अछि ओ बुझू जे परोक्ष वा अपरोक्ष रूप स त पूर्वांचलक लोक लेल भेल अछि। अवैध कालोनी मे सबस बेसी के रहैत अछि। बिजली आ पाइन क खर्च कम भेलाक लाभ सबस बेसी जाहि तबका कए भेटल ओ तबका मे के अबैत अछि। सरकारी स्कूल मे सबस बेसी केकर बच्चा पढि रहल अछि। मोहल्ला क्लिनिक मे के जाकर ईलाज करा रहल अछि। दिल्ली एकमात्र एहन राज्य अछि जाहि मे न्यूनतम मजदूरी सबसे बेसी अछि। दिल्ली सरकारक एहि नीति सबहक 80 फीसद लाभ त मैथिल आ पूर्वांचल क लोक उठा रहल अछि। बिजली आ पाइन जे केजरीवाल सरकारक युगांतकारी फैसला रहल ओकरो फायदा कतहु-कतहु नहि कतहु हुनका भेटल आ चुनाव मे आप कए भेटत।
मुदा अवैघ कालोनी कए वैध करबाक श्रेय त भाजपा ल रहल अछि
ओ क्रेडिट लेबा लेल की करब। जिनका बुझबाक अछि स त बुझिए जाएत अछि, जे ई काज के करेने अछि। दिल्लीक वोटर जागरूक अछि आ ओ बुझि रहल अछि।
सीएए-एनआरसी पर अहाक की स्टैंड अछि
देखू हमर हिसाब स सीएए-एनआरसी लेल देश एखन तैयार नहि अछि। कागज पर कोनो कानून बना लेब अगल गप भेल मुदा ओकरा जमीन पर लागू करब अलग गप होइत छै। एहन कानून कए इम्पीलीमेंट लेल हिन्दुस्तानक प्रशासन अखन तैयार नहि अछि। ताहि लेल ई दुनू कानूनक जरूरत अखन हिन्दुस्तान कए नहि छै। इ सरकार कागज आ जमीन मे अंतर नहि बुझैत छै। एकर सबसे पैघ उदाहरण नोटबंदी अछि। कागज पर जखन नोटबंदीक बात भेल त एकरा देश लेल एकदम स युगांतकारी आ नीक बताओल गेल। आनन-फानन मे फैसला भेल आ लागू सेहो भ गेल। मुदा देश ओहि लेल तैयार नहि छल। नतीजा अहा देखने होएब, कैक गोटे लाइन मे मरि गेल। कतेक लोग बर्बाद भ गेल आ अतत: भेटल किछु नहि। तहिना सीएए-एनआरसी लेल अखन देश तैयार नहि अछि। चुनावी फायदा लेल लोक पर थोपल जा रहल अछि। ई विद्रोह ओकरे लेल अछि। हम उपद्रवी आ दंगा केनिहार क पक्ष मे नहि अछि।
मतलब अहां शाहीनबाग संग नहि छी
हमर हिसाब से शाहीनबाग कोनो मुद्दे नहि अछि। अगर कोनो आदमी कोनो मुद्दा लेल दंगा करैत अछि आ रोड जाम करैत अछि त ई एकदम गलत अछि। हम एकर सख्त विरोधी छी। भाजपा शाहीनबाग कए राजनीतिक अखाड़ा बना रहल अछि। दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकारक भीतर नहि अछि। वैह दिल्ली पुलिस जे एक दिन मे रामलीला मैदान खाली करा दैत अछि, जाहि स कोनो आम आदमी कए दिक्कत नहि भ रहल छल, मुदा पिछला 3 माह स एकटा सड़क जाम अछि, आम आदमी परेशान अछि, मुदा दिल्ली पुलिस चुप बैसल अछि। त की क सकैत छी हम आ अहां। सब राजनीति भ रहल छै। हमर कहब एतबे अछि जे हमर नेता केजरीवाल ई कहि रहल छथि जे हम अगर पिछला पांच साल मे नीक काज केने छी त हमरा वोट दियउ। आ हमर मुख्यमंत्री पहिल एहन मुख्यमंत्री छथि जे ई सीना ठोकि कए कहि रहल छथि जे हम काज पर वोट मांगब, कोनो भावनात्मक या अन्य तरहक मुद्दा पर हमरा वोट नहि चाही।
अंत मे किछु कहय चाहब
8 फरवरी कए घर स निकलू आ वोट करू।