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मधुबनी: दर्शनीय स्थल स किया नजरि फेरने छी सरकार

December 13, 2010
in फीचर
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दोसरसमाचार

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मधुबनी। मधुबनी मे मंदिर, प्राचीन मूर्ति आ पौराणिक अवशेष क भरमार अछि। एहिठाम शैव, शाक्त, वैष्णव आ बौद्ध मतालंबी स संबंधित स्थल क तादाद कम नहि अछि। पाल, सेन आ कर्नाट वंशीय शासक द्वारा निर्मित मंदिर आ ओहि मे स्थापित देव विग्रह अतुलनीय अछि। जिलाक कईटा गढ़ क पुरावशेष आइ सेहो विद्यमान अछि। मुदा एखनधरि ओकरा संरक्षित करि पर्यटक स्थल क रूप मे विकसित नहि कैल जेबा स पर्यटन क अपार संभावना कए बल नहि भेट सकल अछि। अगर जिला क किछु महत्वपूर्ण स्थल क विकास पर्यटक स्थल क रूप मे करि देल जाए त ढेर विदेशी मुद्रा क आय क संग एहि क्षेत्र मे रोजगार क बेहतर साधन उपलब्ध भ सकैत अछि।
बाबूबरही प्रखंड क प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल बलिराजगढ़ क कायाकल्प की नव गठित सरकार करत? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपन विधायक आ मंत्री कए विकास क लेल रोड मैप तैयार करबा लेल कहलथि अछि, कि एहि इलाकाक विधायक एहि दिस काज करताह। दू सौ पच्चीस एकड़ भू-भाग मे पसरल एहि स्थल क तीन बेर अल्प खुदाई भ चुकल अछि। ओहि खुदाई मे ईसा पूर्व दोसर-तेसर सदी, मौर्य आ शुंगवंश क पूर्व मे अवशेष प्राप्त भेल। एकर इर्द-गिर्द बौद्धकाल क अवशेष सेहो भेटल। लालू सरकार खुदाई कए बीच मे बंद करि देलक। विभाग मानलक अछि जे उक्त खनन स प्राप्त अवेशष स सामाजिक आ सांस्कृतिक अनुक्रम स्थापित भ चुकल अछि। वर्ष 1993 मे एहि स्थल कए पर्यटक केन्द्र क रूप मे घोषित कैल गेल। मुदा पर्यटक केन्द्र क रूप मे विकास लेस मात्र नहि भेल अछि। एतबा  महत्वपूर्ण स्थल पुरातत्ववेता, इतिहासकार आ राजनेता क उपेक्षा क कारण दुनिया क नजरि स ओझल अछि।
एहिना जिला मुख्यालय स्थित भौआड़ा गढ़ शुभंकर ठाकुर क राजस्व काल (1581-95) मे निर्मित भेल। ओकर बाद महाराजाधिराज रमेश्वर सिंह (1898-1929) क शासनकाल मे अनेक मंदिर क निर्माण भेल। जाहि मे भौआड़ा गढ़ स्थित भव्य काली मंदिर शामिल अछि। इतिहासविज्ञ डॉ. नरेन्द्र नारायण सिंह निराला एकरा मिथिला क सबस ऊंच मंदिर कहैत छथि। इ काली मंदिर दर्शनीय आ रमणीय एतबा अछि जे पर्यटक स्थल क रूप मे विकसित करब बहुत आसान अछि। नगर क गंगासागर तालाब क पश्चिम भिण्डा पर स्थापित काली मंदिर सेहो दर्शनीय अछि। जिला क बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय स पांच किमी पश्चिम प्रसिद्ध सिद्धपीठ उच्चौठ दुर्गा स्थल जे महाकवि कालीदास स संबंद्ध अछि कए घोषणा क बावजूद पर्यटक स्थल क रूप मे विकसित नहि कैल जा सकल अछि। जखकि एकरा लेल समविकास योजना स राशि उपलब्ध करा देल गेल अछि। मधुबनी मुख्यालय स आठ किमी उत्तर अति प्राचीन राज-राजेश्वरी स्थान जतए शिव-पार्वती क प्राचीन युग्म प्रतिमा स्थापित छै कए पर्यटक स्थल क रूप मे विकसित कैल जा सकैत अछि। ओतहि पंडौल प्रखंड स पांच किमी पूरब महाकवि विद्यापति स संबंधित उगनेश्वर शिवालय, सौराठ सभागाछी आ ओतहि माधवेश्वर नाथ आ सोमनाथ शिवालय, हरलाखी प्रखंड स्थित माता जानकी स संबंद्ध गिरिजा स्थान, विशौल स्थित विश्वामित्र आश्रम, कल्याणेश्वर शिवालय, रहिका प्रखंड मुख्यालय स चारि किमी दक्षिण कपिलमुनि द्वारा प्रसिद्ध कपिलेश्वर स्थान, रहिका स्थित उर्वशी नाथ, रहिकेश्वरी भगवती, तंत्र विद्या क लेल प्रसिद्ध रहल मुख्यालय स सटल मंगरौनी गाम स्थित बूढ़ी माई आ एकादश रुद्र मंदिर, कोइलख क भद्रकाली भगवती, नाहर भगवती पुर स्थित सूर्य, विष्णु आ दुर्गा सहित अन्य प्रतिमा, सूर्य मूर्ति (बरुआर, परसा, रखवारी, अंधराठाढी, भीठ भगवानपुर आ अकौर) विष्णु मूर्ति (अकौर, भीठ भगवानुपर, कमलादित्य स्थान) कार्तिकेय (बसुआरा), भैरव (बलिया), अयाची मिश्र द्वारा सरिसवपाही स्थित सिद्धेश्वरी भगवती, महाकवि विद्यापति डीह बिस्फी आ हुनकर द्वारा स्थापित भगवती विश्वेश्वरी, याज्ञवल्क्य आश्रम, उत्तरा स्थित दक्षेश्वर शिव, गांडीवेश्वर शिवधाम (शिवनगर), भोज पंडौल क देव प्रतिमा, बराह मंदिर सलेमपुर, जयनगर स्थित शिलानाथ, पंचानन महादेव (अरघावा आ ब्रह्मापुर), विदेश्वर शिवालय लोहना, मदनेश्वर शिवालय, जागेश्वर शिवालय, पारसमणी शिवालय रहुआ संग्राम, शेषशायी विष्णु बलिया, कपिलेश्वर काली, शिव आ ब्रह्मा, मैवी शांति नाथ, पंचानाथ शिवालय झंझारपुर, अंकुशी शिव लखनौर, लक्ष्मीनाथ गोसाई कुटी (लखनौर), तीन काल कए समेटने बलिराजगढ़, अंधराठाढ़ी क पस्टन स्थित बौद्ध बिहार क खंडहर एहन प्राचीन स्थल छै जेकरा पर्यटन स्थल क रूप मे विकास करि पर्यटन क नक्शा पर आनब आब जरूरी अछि। अंधराठाढ़ी क नवनगर गाम मे एकटा प्राचीन शिवालय जमींदोज हेबाक कगार पर अछि। एहन मे मधेपुर प्रखंड क कोसी क गर्भ मे द्वालख गाम मे प्राचीन हरेश्वर नाथ शिवालय सेहो ध्वस्त हेबाक कगार पर अछि। मुदा एकरा देखनिहार कियो नहि अछि। वर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र झंझारपुर स विधायक छथि आ हुनका स उम्मीद अछि जे ओ एहि दिशा मे पहल करताह आ परसा सूर्य मंदिर, कमलादित्य स्थान, हरेश्वर नाथ शिवालय, नवनगर शिवालय आदि क संरक्षण आ संबघ्र्द्धन करि पर्यटक स्थल क रूप मे विकसित करबा लेल कला आ संस्कृति विभाग कए एहि स्थल प्रतिवेदन देताह। कुल मिलाकए कहल जा सकैत अछि जे अगर मधुबनी क एहि स्थल क सरकार संरक्षण आ संवघ्र्द्धन करि पर्यटक स्थल क रूप मे विकसित करि दिए त देसी-विदेशी पर्यटक कए आकर्षित करबा मे सफलता भेट सकैत अछि आओर एहि स काफी राजस्व सेहो भेट सकैत् अछि, संगहि लोक कए रोजगार सेहो।

Tags: पर्यटक स्थलमधुबनी

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