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हेरायल हराही

November 10, 2013
in विचार
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दोसरसमाचार

मैथिलीपुत्र प्रदीप : मिथिलाक लोकक गीतकार

मैथिलीपुत्र प्रदीप : मिथिलाक लोकक गीतकार

May 31, 2020
कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

मिथिलाक धरोहर छलाह प्रदीप

May 31, 2020
कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

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नीति या हिस्सा आखिर केकरा लेल तमसायल अछि कारोबारी जगत

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December 5, 2019

कागज पर बनल योजना स सौदर्य क नाम पर भेटल दुर्गंध
सुनील कुमार झा आ नीलू कुमारी
दरभंगा।
ठमकल जल डबरा कए दूषित, जेकरा मे नहि गति कए लेस…..जी हां अरविंद कुमार अक्‍कू क इ पाति दरभंगाक पोखरि क हालत बता रहल अछि। शहर मे कईटा पोखरि त हेरा गेल, कईटा डाबर-डोभा बनि गेल त किछु एहन भ गेल जेकरा देखि बस आंखि नोरा जाइत अछि। जेकर कछैर मे टहलब मनोरथ छल ओकर बगल स गुजरब आइ मजबूरी भ गेल अछि। सच पूछू त एहि दुर्गंध स हराही क सौंदर्य हेरा गेल अछि। कहल त इ गेल छल जे हराही पोखरि कए एक बेर फेर शहर क सबस आकर्षक पर्यटक स्थल बनाउल जाएत। एहि पोखरि मे मोटरबोट क सुविधा देल जाएत ताकि पर्यटक बोटिंग क आनंद ल सकथि। पोखरिक बीचो-बीच लकड़ी क घर बनाउल जाएत ताकि पर्यटक कए अपन घर क आस पास जल विहार सन आनंद भेट सकए। शुरू शुरू मे इ योजना कए लोक बहुत सराहलक आ सब ठाम एकर प्रशंसा सेहो भेल मुदा कई साल बीत गेल परियोजना हराही क सौंदर्य जेकां कतहु हेरा गेल।
‎दरभंगा मे पोखरिक इतिहास बड पुरान नहि अछि। 958 फसली क आसपास तिरहुत मे भीषण अकाल पडल छल आ ओहि दौरान दरभंगा समेत पूरा राज्‍य मे पैघ छोट पोखरिक खुदाई कैल गेल। दरभंगा कए तिरहुत राज क राजधानी बनेनिहार राजा नरेंद्र सिंह दरभंगा मे किछु छोट पोखरिक संगहि तीनटा पैघ पोखरि एक सीध मे खुदाई करबेला। एहि मे सबस पैघ पोखरि अछि दिग्‍घी। एहि पोखरि मे जाइठ नहि अछि, कहल जाइत अछि जे एकर जल पूजन नहि भ सकल। एखनो एहि मे कोनो मंगल काज संपन्‍न नहि कराउल जाइत अछि। एकरा कुंवारी पोखरि सेहो कहल जाइत अछि। एहि पोखरि कए 112 बीघा आ 10 कटठा मे खुदवाउल गेल छल। पोखरि क लंबाई 2400 फुट आ चौडाई 1200 फुट अछि। इ पोखरि तीनू पोखरि मे बीच क पोखरि अछि। एहि स उत्‍तर हराही अछि जे तीनू पोखरि मे सबस छोट अछि। इ पोखरि कुल 62 बीघा 10 कटठा मे अछि आ एकर लंबाई 1600 फुट आ चौडाई 1000 फुट अछि। तेसर पोखरि गंगा सागर अछि जे 78 बीघा, 2 कटठा आ 10 धूर मे अछि। एकर लंबाई 2000 फुट आ चौडाई सेहो 2000 फुट अछि। आजुक तारीख मे एहि पोखरि सबहक बहुत पैघ हिस्‍सा अतिक्रमण मे जा चुलि अछि। तखनो पोखरि सब एकटा झील जेकां देखाइत अछि।
पोखरिक निर्माण त जरूर नरेंद्र सिंहक कार्यकाल मे भेल, मुदा एकर सौंदर्यीकरण महाराज रुद्र सिंहक कार्यकाल मे भेल। 18वीं शताब्‍दीक आसपास एहि पोखरि सबहक सौंदर्यीकरण दरभंगाक रईस हाजी मोहम्‍मद वाहिद अली खान करेने छलाह। हुनक परिकल्‍पना स एहि तीनू पोखरि क चारूकात सडकक निर्माण कराउल गेल छल। सडकक कात मे छायादार गाछ लगाउल गेल छल। ठाम ठाम पर बैसबा लेल चबुतरा बनल छल। इ पूरा इलाका प्रेमी सबहक सैरगाह छल। लोक भोर आ सांझ हवा खेबा लेल एहि ठाम अबैत छल। मुदा आन दूनू पोखरि स भिन्‍न चरित्रक छल। दिग्‍घी क एक कात श्‍मशान छल त दोसर कात मदिरालय आ वेश्‍यालय छल। ओहि दिस दुपहरिया मे सेहो लोक नहि जाइत छल। गंगा सागरक एक दिस अली खान क गाछी छल, कहल जाइत अछि जे ओहि गाछी मे 300 प्रकारक आम क गाछ छल आ कोनो पहरेदार नहि छल। एहि पोखरि सबहक इ स्थिति 19वीं सदीक अंत तक बनल रहल।
1974 मे ललित नारायण मिश्रा जखन रेल मंत्री छलाह तखन ओ एकटा सपना देखने छलाह जे एहि तीनू पोखरि कए भूमिगत मिलान करा पर्यटन आ बोटिंग लेल आकर्षक तरीका स सजाउल जाए। केंद्र सरकार एहि बाबत जिला प्रशासन कए एकटा पत्र सेहो लिखने छल जे एहि परियोजना क एकटा प्रारूप तैयार क केंद्र सरकार लग अनुमोदन लेल पठाउल जाए, मुदा जिला प्रशाशन क आलसीपन आओर ललित बाबू क आसमयिक मृत्यु क बाद ओ योजना पर ककरो ध्‍यान नहि गेल।
1987 मे आयल बाढि क बाद दरभंगाक नाला संरचना ध्‍वस्‍त भ गेल आ हराही क जल ठमकि गेल। धीरे-धीरे एकर जल दुर्गंद दियअ लागल। 1993 तत्‍कालीन जिलाधिकारी अमित खरे पोखरि क सौंदर्यीकरण लेल प्रयास शुरू केलथि। अपन स्‍तर स किछु टका क इंतजाम केलथि। एहि टका स प्रशासन किछु काज सेहो केलक जेना पोखरि क पश्चिमी काम सीढ़ी आ घाट क निर्माण ताकि लोक आसानी स नहा सकए। संगहि तीन भाग गाछ लगाउल गेल। पश्चिम भाग किछु ठाम बैसबाक लेल बेंच क निर्माण भेल आ एकटा नाव सेहो पोखरि मे राखल गेल। मुदा इ सब भ रहल छल तखने अमित खरे कए दरभंगा स हटा लेल गेल आ सब किछु सही रख रखाव क अभाव मे दम तोडि देलक। एकर खिलाफ 94 मे आंदोलन शुरू भेल। विद्यार्थी क संस्‍था ”तरू-मित्र” तीन हजार बच्‍चा क रैली केलक, मुदा तत्‍कालीन जिलाधिकारी जेबी तुबिद आश्‍वासनक अलावा किछु नहि द सकलाह। पोखरिक दुर्गंद बढैत गेल, हराही क सौंदर्य हेरायत गेल।
2004 मे शहरी विकास मंत्रालय पोखरि कए एकटा आकर्षक पर्यटक स्थल बनेबाक निर्णय लेलक। जेकरा लेल प्रथम चरण मे विभाग 23 लाख टका आवंटित केलक। जखनकि इ रकम पूरा पोखरिक सोंद्र्यीकरण लेल काफी नहि छल, राज्य सरकार एहि लेल कोनो अतिरिक्त देबा लेल तैयार नहि भेल। परिणामस्वरूप अक्टूबर 2010 स एहि परियोजना क फाइल हेरा गेल। सरकारी सूत्र क अनुसार प्रथम चरण मे देल गेल फंड क सही इस्तेमाल नहि भेल जेकर कारण स अतिरिक्त फंड कए केंद्र रोकि रखलक। बीच मे रेलवे सेहो जिला प्रशासन स इ पोखरि कए मंगलक मुदा शहरी विकास विभाग रेलवे कए इ पोखरि सौंपबा लेल तैयार नहि भेल। रेलवे प्रस्‍ताव देने छल जे अगर इ पोखरि आ पूर्वी महार ओकरा द देल जाइत अछि त ओ एहि पोरि कए एकटा पर्यटक स्‍थलक रूप मे विकसित करत, मुदा इ प्रस्‍ताव मंजूर नहि भेल। दोसर दिस पोखरि स जुडल नाला बंद भेला स एकर गंगा पाइन बाहर नहि निकलि पाबि रहल अछि। सडल जल मे मछली पालन सेहो बंद भ गेल। पोखरिक सफाई त नगर निगम क सूची मे कहियो रहबे नहि कैल। आइ इ पोखरि चारू कात स आबि रहल नाला क स्‍वागत करैत अछि। लोक एहि पोखरि कए आइ छठि छोडि कोनो आन दिन कोनो उपयोग नहि करैत छथि। आइ हराही समेत दरभंगा क समस्‍त पोखरि लेल एकटा भागीरथी प्रयास क जरूरत अछि ताकि एकर पुनरुत्थान भ सकए, जरुरत अछि एकर विकास क ताकि जे सपना शहर देखने छल बा देखाउल गेल छल ओ साकार भ सकए। एकरा लेल शहरक लोक कए कोनो जिला प्रशासन, राज्य सरकार बा केंद्र सरकार क जरुरुत नहि बल्कि खुद आगू एबाक अछि ताकि अपन दरभंगा फेर स ओहि तरहक भ सकए जाहि तरहक छल।

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