पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) केर आइ अस्पतालमे निधन भ’ गेल। 10 अगस्त स’ ओ दिल्लीक आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटलमे भर्ती छलाह। एहि दिन ब्रेन स’ क्लॉटिंग हटेबाक लेल इमरजेंसीमे सर्जरी कयल गेल छल। एकरा बाद स’ हुनकर स्तिथि गंभीर बनल छल। हुनका वेंटिलेटर पर राखल गेल छल। प्रणब 10 तारीखके अपन कोरोना पॉजिटिव होयबाक बात सेहो कहने छलाह। प्रणब केर निधन पर 7 दिन राष्ट्रीय शोक घोषित कयल गेल अछि। प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आ राहुल गाँधी सहित अन्यान्य नेता लोकनि हुनका निधन पर दुःख व्यक्त कयलनि अछि.
प्रणब मुखर्जी। भारतीय राजनीतिमे हिनक नाम विरोधीओ सम्मान स’ लेत छथि। एगो क्लर्क आ एगो शिक्षक स’ फेर राजनेता एवं राष्ट्रपति बनबाक यात्रा। प्रणब केर राजनीतिक कैरियरमे तीन बेर एहन अवसर आयल, जखन लागल जे प्रधानमंत्री वैह बनताह, मुदा तीनू बेर प्रणब दा प्रधानमंत्री नहि बनि सकलाह। ओ कतेक काबिल छलाह, एकर अंदाज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहक एगो बयान स’ लगा सकैत छी। तीन साल पहिने मनमोहन कहने छलाह जे – जखन हम प्रधानमंत्री बनलहुँ, तहन प्रणब मुखर्जी एहि पदक लेल बेसी योग्य छलाह, मुदा हम की क’ सकैत छलहुँ? कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी हमरा चुनने छलीह।
एहिठाम हम अहाँके प्रणब मुखर्जीक राजनीतिक यात्रा आ ओहि तीन अवसरक विषयमे बता रहल छी, जखन प्रणब दा सत्ताक शीर्ष पर माने प्रधानमंत्री पद धरि पहुँचि सकैत छलाह, मुदा एहन नहि भ’ सकल.
1. इंदिराक कैबिनेटमे नंबर-2 रहलाह, हुनका बाद प्रधानमंत्री नहि बनि सकलाह
बात 1969 केर अछि। इंदिराक आग्रह पर प्रणब दा पहिल बेर राज्यसभा स’ संसद पहुंचल छलाह। इंदिरा गांधी राजनीतिक मुद्दा पर प्रणब केर बुद्धि केर प्रशंशक छलीह . यैह कारण छल जे ओ प्रणब दाके कैबिनेटमे नंबर दू केर दर्जा देलनि। इ अहू लेल खास भ’ जाएत अछि किए त’ एहि कैबिनेटमे आर. वेंकटरामन, पीवी नरसिम्हाराव, ज्ञानी जैल सिंह, प्रकाश चंद्र सेठी आ नारायण दत्त तिवारी सन कद्दावर नेता छलाह.
इंदिरा गांधीक हत्याक बाद अगिला प्रधानमंत्रीक रूपमे प्रणब केर नाम सेहो चर्चामे छल, मुदा पार्टी राजीव गांधीके चुनलक। दिसंबर 1984 मे लोकसभा चुनाव भेल। कांग्रेस 414 सीट जीतलक। कैबिनेटमे प्रणबके स्थान नहि भेटल। बादमे ओ लिखलनि-जहन हमरा बुझना गेल जे हम कैबिनेटक अंग नहि छी त’ दंग रहि गेलहुँ। मुदा, तैयो हम स्वयंके सम्हारलहुँ। पत्नी संग टीवी पर शपथ ग्रहण समारोह देखलहुँ।
दू साल बाद माने 1986 मे प्रणब बंगालमे राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस (आरएससी) केर गठन कयलनि। तीन साल बाद राजीव स’ हुनकर समझौता भेल आ आरएससीक कांग्रेसमे विलय भ’ गेल।
2. सात साल बाद दोसर बेर पीएम बनबाक अवसर हाथ स’ निकलल
बात 1991 केर अछि। राजीव गांधीक हत्या भेल। चुनावक बाद कांग्रेसक सत्तामे आपसी भेल। मानल जा रहल छल जे एहि बेर प्रणब केर मोकाबिला कोनो दोसर चेहरा पीएम पदक दावेदार नहि अछि, मुदा अहू बेर अवसर हाथ स’ निकलि गेल। नरसिम्हा रावके प्रधानमंत्री बनाओल गेल। प्रणब दाके पाहिने योजना आयोगक उपाध्यक्ष आ फेर 1995 मे विदेश मंत्री बनाओल गेल।
3. 2004 मे सोनिया प्रणब केर स्थान पर मनमोहनके प्रधानमंत्री पदक लेल चुनलनि
फेर साल 2004 आयल। कांग्रेसके 145 आ भाजपाके 138 सीट भेटल, मुदा एकरा भाजपाक हारि मानल गेल। सरकार बनयबाक लेल कांग्रेस क्षेत्रीय दल सभ पर निर्भर छल, सोनिया गांधी लग स्वयं प्रधानमंत्री बनबाक अवसर छल, मुदा ओ एहन नहि कयलनि। प्रणब मुखर्जीक नाम फेर चर्चामे छल मुदा सोनिया जानल मानल अर्थशास्त्री मनमोहन सिंहके प्रधानमंत्री पदक लेल चुनलनि ।
मनमोहनक कैबिनेटमे सेहो नंबर-2 रहलाह प्रणब
2012 धरि मुखर्जी मनमोहन सिंहक कैबिनेटमे नंबर-2 रहलाह. प्रणब दा 2004 स’ 2006 धरि रक्षा, 2006 स’ 2009 धरि विदेश, आ 2009 स’ 2012 धरि वित्त मंत्रालय सम्हरलनि। एहि दौरान ओ लोकसभामे सदनक नेता सेहो रहलाह। यूपीए सरकारमे हुनक भूमिका संकटमोचक केर रहल। 2012 मे पीए संगमाके हरा क’ ओ राष्ट्रपति बनलाह। हुनका कुल वोटक 70 प्रतिशत प्राप्त भेल। बादमे एक बेर प्रणब दा कहने छलाह जे – हमरा प्रधानमंत्री नहि बनि सकबाक कोनो मलाल नहि। मनमोहन एहि पदक लेल सभ स’ योग्य लोक छलाह।
प्रणब दाके भारतीय राजनीतिमे एगो विद्वान चरित्रक रूपमे सम्मान प्राप्त रहल। हुनका लग इतिहास, राजनीतिक शास्त्र आ कानूनक डिग्रि छल। क्लर्क, पत्रकार आ शिक्षकक तौर पर काज कयलनि. फेर 1969 मे पिताक नक्श-ए-कदम पर चलैत राजनीतिमे आबि गेलाह। 2008 मे हुनका पद्म विभूषण आ 2019 मे भारत रत्न स’ सम्मानित कयल गेल।
मोदी कहने छलाह- हम प्रणबदाके हुनका काजक लेल भारत रत्न देलहुँ
प्रधानमंत्री मोदी पछिला साल संसदमे प्रणब दा लेल कहने छलाह, “हुनकर (कांग्रेसक) सरकारमे नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंहके भारत रत्न नहि भेटल। परिवार स’ बाहर किनको नहि भेटल। प्रणब दा देशक लेल जीवन खपाओलनि। हम हुनका भारत रत्न हुनक काजक लेल देलहुँ।