खगडिय़ा स लौट कए ममता शंकर
अमौसी नरसंहार क बाद इ प्रश्न खगडिय़ा क सब ठाम मुंह खोलने अछि जे आखिर मुसहर कए एहि ठाम नक्सली कए बना देलक। बिहार मे आई जेकरा लग जमीन छैक ओ महादलित (मुसहर) कए नक्सली मानबा लेल लेल मन स तैयार नहि अछि, लेकिन परिस्थिति एहन बनाउल जा रहल अछि जे सब मुसहर आइ नक्सली नजरि अबैत अछि। खगडिय़ाक डीएम अभय कुमार सिंह कहैत छथि जे मुसहर हथियार नहि उठा सकैत छथि। हथियार बनिकए इस्तेमाल जरूर भ सकैत छथि। नीतीश सरकार हाल मे महादलित कए मनेबा लेल कईटा घोषणा केलक अछि। एहि घोषणा मे भूमिहीन लोक कए भूमि उपलब्ध करेबाक गप सेहो कहल गेल अछि। ‘किछु लोकÓ जमीन दिएबाक प्रलोभन द कए महादलित कए अपन हथियार बना लेलथि आओर परदा क आड़ मे राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि क खेल खेलाइत रहलथि। नरसंहार क बाद शातिर दिमाग क इ ‘गरीबक भगवानÓ पीडि़त परिवार क सेहो सहानुभूति बटोरबाक कोशिश केलथि।
सरकारी आंकड़ा बतबैत अछि जे राज्य क छोट सन जिला खगडिय़ा मे महादलित मुसहर क आबादी सर्वाधिक अछि, मुदा बिडंबना इ अछि जे जमींदार क जमीन पर मजदूरी करैत-करैत हिनकर कईटा पुश्त गुजरि गेल। मुदा आइ सेहो हिनका लग मे घर बनेबा लायक जमीन उपलब्ध नहि अछि। सर्वेक्षण मे इ गप सामने आईल जे सात प्रखंडवाला खगडिय़ा जिला मे 28 हजार 929 महादलित परिवार क लग मे अपन घर नहि अछि। बहिष्कृत हितकारी संगठन क संचालक संजीव डोम कईटा महादलित बस्ती मे जा कए इ सर्वेक्षण केलथि अछि। सर्वेक्षण मे जे तथ्य सामने आयल अछि, ओ हैरान करैत अछि। अधिकतर महादलित क लग मे बचत क नाम पर दस टका तक नहि अछि। अगर हुनका खेत मे काज नहि भेटैत अछि त आइ सेहो ओ केकड़ा, घोंघा खाकए अपन दिन काटि लैत छथि। नरसंहार क बाद भूमिपति कए सबटा मुसहर मे नक्सली नजरि अबैत छैन। एहन माहौल बनि गेल अछि जे मुसहर कए नक्सली कहि कए इंगित कैल जा रहल अछि। किछु एहने गप महादलित विकास मंच क राजेश सदा सेहो कहैत छथि। हुनकर कहब अछि जे नीतीश सरकार मे जे नव राजनीतिक समीकरण बनि रहल छल ओहि समीकरण कए ध्वस्त करबा लेल अमौसी नरसंहार कए अंजाम देल गेल अछि।
एतबा त सच अछि जे किछु लोकक शातिर दिमाग पूरा इलाकाक दिनचर्या बदलि देलक अछि। अमौसी मे पुलिस कैंप अछि, तखनो खौफ कायम अछि। नरसंहार क बाद अलौली क तीनटा स्कूल पुलिस छावनी में तब्दील भ चुकल अछि। पुलिस क भय स बच्चा स्कूल नहि जा रहल अछि। सोमदिन मध्य आ उच्च विद्यालय अलौली मे बच्चा क उपस्थिति नगण्य रहल। किछु बच्चा स्कूल त आयल, मुदा क्लास रूम मे पुलिस क कब्जा देखि लौट गेल। छात्र क कहब अछि जे 8 अक्टूबर स अर्धवार्षिक परीक्षा अछि। एहन मे केना द सकब परीक्षा।
इचरूआवासी रहैत छथि इचरूआ में मुदा हुनकर खेती अमौसी मे अछि। रतन देवी कहैत छथिए, ‘हमसब त केवल पाइन इचरूआ क पीबैत छी, पेट त अमौसी स भरैत अछि ।Ó महिला सब कहैत छथि जे खेत मे काज करबा लेल ओ प्रतिदिन भोर मे अमौसी जाइत छलीह आओर सांझ तक घर लौटैत छलीह। मुदा आब त मौगीक गपे छोड़ू पुरुषो तक ओइ कात जेबा स हिचकि रहल छथि। पारो देवी क कहब अछि जे सुरक्षा नहि भेटत त भीख मांगिकए खाइ पड़त। भगवती सबटा जनैत छथि, जे इ काज केलक अछि ओकरा जरूर सजा भेटत।
‘मुसहर क लग मे घर बनेबा लेल एक धूर जमीन तक नहि अछि। खगडिय़ा जिला मे 28,929 महादलित परिवार क सदस्य गरीबी रेखा क नीचा जीवन यापन करबा लेल विवश अछि। एहि परिवार क वार्षिक आय 12 हजार टका स कम अछि। एहन मे मुसहर स हथियार उठेबाक कल्पना नहि कैल जा सकैत अछि।’
अभय कुमार सिंह, खगडिय़ाक डीएम