अपराध कोनो समाज और सत्ता लेल एकटा चुनौती होइत अछि। हाल क किछु घटना स बिहार क छवि एक बेर फेर अपराधयुक्त प्रदेश क बनि रहल अछि। नीतीश क सुशासन पर एहि स पूर्व एतबा गंभीर सवाल पहिने कहियो नहि उठल छल। एक कए बाद एक घटना स सब कियो स्तब्ध अछि। पुलिस कार्रवाई क रहल अछि, मुदा अपराध बढ़ल किया ताहि पर सब चुप अछि। सरकार केवल इ कहि कए नहि बचि सकैत अछि जे हम अपराधक बाद कार्रवाई क रहल छी। सरकार आ पुलिस क एकटा धाक होइत छै, जे बिहार मे एक बेर फेर खत्म भ रहल अछि। कतहु नहि कतहु अपराध करनिहार कए इ भरोस दियाउल जा रहल अछि जे अहां कए बचा लेल जाइत। बिहार मे संगठित अपराध स ल कए पटनाक सड़क पर छिनतई तक फेर स शुरु भ गेल। अचानक बढ़ल एहि अपराधक पाछु की कारण अछि इ त शोधक विषय अछि, मुदा नीतीश कुमारक धाक कतहु नहि
कतहु लालू प्रसाद क दाग पर कमजोर पडि़ रहल अछि। जाहि प्रकार स अपराध क चरित्र आ क्षेत्र सामने आबि रहल अछि, ओहि स संदेह बहुत रास उत्पन्न भ रहल अछि। एहन मे कहल जा सकैत अछि जे बिहार मे बढ़ल अपराध लेल नीतीश कुमार क कार्यशैली मे आयल बदलाव मुख्य रूप स जिम्मेदार अछि। निश्चित रूप स नीतीश कुमार आ तेजस्वी यादव लेल इ एकटा अग्रिपरीक्षा अछि। खास क तेजस्वी कए अपन पिताक छवि स अलग अपन छवि गढबाक इ समय अछि। तेजस्वी लेल इ सबस कठिन समय अछि, अगर ओ एहि समय क उपयोग अपन छवि गढबा मे करताह त निश्चित रूप स हुनकर कद एकटा पैघ नेताक रूप मे स्थापित भ जायत। सबस पैघ सवाल अछि जे बिहारक एहि आपराधिक घटना सब स एक बेर फेर बिहार सिंड्रोम उभरि कए सामने आबि गेल अछि। जेकर प्रमाण राजस्थान मे देखबा मे भेट रहल अछि। गया मे आदित्य हत्याकांड क भांति राजस्थान क कोटा मे सेहो युवकक आपसी झड़प मे बिहार क नवादा क प्रिंस क धारदार हथियार स हत्या क देल गेल। पुलिस स्टेशन स महज आधा कोस दूर भेल एहि घटना मे पुलिस क उदासीनता सामने आबि रहल अछि। कहल जा रहल अछि जे पुलिस क उपेक्षापूर्ण रवैया क कारण घायल प्रिंस कए समय पर अस्पताल नहि पहुंचाओल जा सकल आ ओकर मौत भ गेल। राजस्थान प्रशासन पुलिस पर कार्रवाई करबाक बदला मे बिहारी पर गुंडादर्गी करबाक आरोप लगा रहल अछि। राजस्थान क भाजपा विधायक त सीधा सीधा बयान द देलथि अछि जे राजस्थान स बिहारी छात्र कए बाहर कैल जाये। ओना राजस्थान मूल कए बिहारी नेता सुशील कुमार मोदी एहि पर आपत्ति दर्ज करा केंद्रीय नेतृत्व स पार्टी क विधायक पर कार्रवाई करबाक मांग केलथि अछि। भाजपा विधायकक एहि बयान स एक बेर फेर इ सवाल बिहारी क समक्ष ढार भ गेल अछि जे भारतीय संघ मे ओकर स्थान कतए अछि। देश अथवा देस आखिर केकर अछि बिहारी। गया क घटना पर सरकार स कार्रवाई करबाक उम्मीद जेतबा आदित्य क परिजन कए अछि, ओतबेे उम्मीद प्रिंस क परिजन कए राजस्थान सरकार स सेहो अछि, मुदा हुनकर आवाज कतहु नहि अछि। किया कि प्रिंस बिहारी अछि आ घटना राजस्थान मे घटित भेल अछि। अपराधक नजरि स देखल जाये त दूनू वारदातक चरित्र एक रंग अछि। एहन मे दूनू सरकार दिस स कैल गेल कार्रवाई एक रंग हेबाक उम्मीद किया नहि कैल जाये। बिहार लग अपन कोनो समाचार मीडिया नहि अछि, जेकर खामियाजा एहि प्रकारक प्रकरण मे साफ देखा जाइत अछि। एक दिस गयाक घटना पर राजस्थान मूलक मीडिया प्रमुख लगातार लाइव साक्षात्कार देखा कए सरकार पर ओहि कार्रवाई लेल सवाल ढार क रहल छथि जे सरकारक हाथ मे नहि बल्कि अदालतक हाथ मे अछि। आदित्यक परिजन इ मानैत छथि जे पुलिस आरोपी कए गिरफ्तार केलक आ पूछताछ मे अपराध स्वीकार करा लेलक, मुदा की सजा सरकार या पुलिस देत। दोसर दिस प्रिंस क परिजन क खबरि नुका देल गेल। मीडियाक एहि प्रकारक कवरेज पिछला तीन दशक स लगातार भ रहल अछि। राजस्थान आ बिहार दूनू ठाम सक्रिय रहबाक दावा करनिहार मीडिया ग्रुप बिहार क लोक कए इ बतेबा मे संकोच क रहल अछि जे राजस्थान सरकार बिहार क बेटा क हत्या पर केहन कार्रवाई क रहल अछि, मुदा बिहार मे कोर्ट हत्या आरोपी कए सजा किया नहि द रहल अछि इ सवाल सेहो सरकार स पूछल जा रहल अछि। मीडिया कोनो राज्यक छवि गढैत अछि आ बिहार एहि मामले मे शुरु स अभागल रहल अछि। कुल मिला कए बिहार एक बेर फेर देशक नजरि मे अपराधयुक्त साबित कैल जा रहल अछि आ हम देश बनेबा मे बटोही बनल छी।
आखिरकार ईसमाद के मानs परल जे लालूक असर आबि चुकल अछि बिहार में।