कोसी मे पिया मिलन क खुशी सेहो अनैत अछि छठ
पूर्णिया। कोसी क लेल छठ बेबसी क कब्र पर पनपल विरह क खात्मा क सेहो महापर्व छी। राज्यक सर्वाधिक गरीब क्षेत्र कोसी अंचल क महिला क लेल लोक महापर्व छठ एकटा सनेस ल कए अबैत अछि। भगवान भाष्कर क अराधाना क लालसा क संग हुनका एहि मौका पर परदेश मे रहि रहल पति परमेश्वर क सेहो लौटबाक बाट ताकब खत्म होइत अछि। पूर्णिया क धमदाहा प्रखंड क चिकनी क रुक्मिणी देवी छठ क संग पति क बेसब्री स बाट तकबाक प्रश्न पर सकुचा जाइत छथि, मुदा दोहरी खुशी क भाव हुनकर मुंह पर स्पष्ट झलकैत अछि। ठोर त चुप रहल, मुदा आंखि कहलक- पियाजी लौट एलाह अछि गाम। रुक्मिणी
क पति सेहो मकर सक्रांति क बाद पंजाब गेल रहथि। शुक्रदिन राति मे ओ घर लौटलाह अछि। एनाए श्रीनगर प्रखंड क उफरैल वासी उपेन्द्र विश्वास, रामनारायण विश्वास, नेवी विश्वास होली क बाद घर स निकलल रहथि, हुनकर कनिया सेहो छठ पर पति क लौटबाक बाट तकैत रहथि। हिनक लोकनिक कनिया लक्ष्मी, सुगनी आ तेतरी बेहिचक छठ कए दोहरी खुशी देई बाला पर्व मानैत छथि। ओ कहैत छथि जे घर मे छठ क चलते हुनकर (पतिक) एनाई तय छल। हुनके निमित्त छठ होइत अछि। जाहिर तौर पर एहि बहाने हिनकर वियोग सेहो समाप्त भ गेल। करीब ग्यारह माह बाद छठ क मौका पर घर लौटल हरदा गांव क सेमा मंडल सेहो मानैत छथि जे छठ हुनका लेल कनिया-बच्चा स भेंट करबाक बहाना होइत अछि। ओ कहैत छथि जे रोजगार क तलाश मे घर छोड़ब मजबूरी अछि आ छठ मे घर लौटब जरूरी अछि। छठ क दस्तक मात्र स घर लौटबाक बेसब्री बढि़ जाइत अछि।
मजदूर क हित क लेल कार्यरत एकटा संस्था क मुताबिक एहि अंचल क लगभग डेढ़ लाख महिला क पति एहि बहाने नौ स दस माह बाद घर लौटैत छथिन।
गौरतलब अछि जे रोजगार गारंटी योजना क क्रियान्वयन क बादो पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा आ सुपौल जिला मे रोजगार क लेल पलायन क गति थमि नहि सकल अछि। एहि क्षेत्र मे श्रमिक क हित क लेल कार्यरत संस्था हिन्द खेत मजदूर पंचायत क सर्वे रिपोर्ट सेहो एकर प्रमाण अछि। संस्था क रिपोर्ट क मुताबिक प्रत्एक वर्ष औसतन साढ़े तीन लाख मजदूर एहि जिला स रोजगार क तलाश मे अन्यत्र जाइत छथि। एहि मे करीब दू लाख लोग मकर सक्रांति क बाद घर स निकलैत छथि। एहन लोक पुन: छठ क मौका पर घर लौटैत छथि। संस्था क महामंत्री अलीमुद्दीन अंसारी क मुताबिक एहि दू लाख मजदूर मे औसतन डेढ़ लाख मजदूर विवाहित होइत छथि आ हिनकर कनिया मकर संक्रांति क बाद स पिया क बाट तकैत रहैत छथि। अंसारी क मुताबिक चूंकि लोक आस्था क महापर्व क एहि वर्ग मे विशेष महत्व होइत अछि, ताहि लेल इ पर्व हुनकर घर लौटबाक सबस पैघ अवसर होइत अछि।