मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा दिएबा क अभियान आगू बढा चुकल छथ्रि। एहि अभियान क तहत आब ओ अन्य पिछड़ल राज्य कए सेहो गोलबंद करबा मे जुटताह। रविदिन क अधिकार रैली मे ओ बिहार क संग अन्य पिछडल राज्य कए सेहो विशेष दर्जा देबाक वकालत केने छलाह। ओ रैली मे कहने छलाह- जे राज्य जाहि मामलाल मे राष्ट्रीय औसत स कम अछि ओकरा ओहि मामला मे विशेष राज्य क दर्जा भेटबाक चाही। एहन मे राष्ट्रीय विकास परिषद मे नव गोलबंदी क संभावना उभरि रहल अछि।
रैली क बाद पत्रकार सब स गप करैत ओ कहला जे बिहार क संग अन्य राज्य सेहो हुनकर एजेंडा मे शामिल अछि। ओ कहला जे ओ केवल बिहार लेल इ मांग नहि क रहल छथि बल्कि एहि दर्जा लेल एकटा मापदंड चाहैत छथि आ देश क सब राज्यक समान रूप स विकास भ सकए तेकर पक्षधर छथि। पाकिस्तान क यात्रा स लौटलाक बाद ओ ओहि राज्य क फेहरिश्त बनाउताह, जे विकास क मोर्चा पर पिछड़ल अछि। फेर संबंधित राज्यक मुख्यमंत्री स गप करताह।
नीतीशक कहब अछि जे समावेशी विकास देश क हरेक राज्य क हक अछि। केंद्र क चलते बिहार आ एहि श्रेणी क दोसर राज्य पिछड़ैत चल गेल। केंद्र सरकार अगर सीधा तौर पर हक नहि देत त एकरा लेल लिए संघर्ष हेबाक चाही आ होएत। कुल मिला कए नीतीश एहि रैली क माध्यम स केंद्र क समझ एकटा नव दुविधा त जरूर राखि देलथि अछि। नीतीश विशेष राज्यक मापदंड पर सवाल उठा, जतय पिछडल राज्य कए गोलबंदी मे जुटलाह अछि ओतहि केंद्र एहि पैघ सवाल क उत्तर तकबा मे लागि गेल अछि। एतबा तय अछि जे देश मे आब समान विकास क सिद्धांत पर गंभीर चर्चा शुरु होएत। 68 साल मे बहुत भूगोल बदलि गेल, मुदा विशेष राज्य देबा लेल कोनो तय मापदंड एखन धरि सामने नहि आबि सकल। जेकरा भेटल ओकर पात्रता पर सवाल नहि, मुदा जेकरा भेटत तेकरो स कमजोर राज्य अछि आ ओकरा किया नहि भेटल एहि सवाल क त केंद्र कए दियए पडत।
जहां धरि रैली क भीड, समय आ लक्ष्य मे राजनीतिक सोचक सवाल अछि त राजनीति त बिना मुद्दा क भ नहि सकैत अछि। सब राजनीतिक दल क एहन आयोजन मे अपन स्वार्थ होइत अछि। मुदा रविदिन जदयू जाहि मुद्दा पर रैली आयोजित केलक ओ बिहार लेल नव छल। जदयूक अधिकार रैली रैली बिहार क राजनीति कए एकटा नव दिशा देत, कम स कम एतबा त तय लगैत अछि। बिहार मे आब “लाश पर राजनीति” करबाक मानसिकता स सब राजनैतिक दल ऊपर उठताह आ जाति क नाम पर एहन आयोजन करबाक परंपरा सेहो खत्म होएतl
अधिकार रैली स उत्साहित मुख्यमंत्री कहला जे बिहार क लोक अनुशासित छथि इ त आप सब मानत। रविदिनक रैली मे जे बिहारक जनता अनुशासन क परिचय देलक ओ पूरा विश्व देखलक। रैली क बाद आब मुख्यमंत्री पाकिस्तान यात्रा क तैयारी मे जुटि गेलाह अछि। ओ जरूरी कागजात कए देख रहल छथि। भाषण क रूपरेखा पर गौर क रहल छथि। मुख्यमंत्री कहला जे पाकिस्तान क यात्रा पर हुनकर मन मे ललक अछि। सिंधु घाटी सभ्यता कए देखबा मे हुनकर दिलचस्पी अछि। ओ आठ नवम्बर कए पटना स पाकिस्तान लेल प्रस्थान करताह। 16 नवम्बर कए अमृतसर होइत नई दिल्ली धुरताह। ओहि राति ओ पटना लेल सेहो प्रस्थान करताह।
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हमर टिप्पणी संभवतः अन्हांमें बहुत लोकके ख़राब लागत
नीतीश आखिर रैली कय की देखबय चाहैत छलाह
सत्ताधारी दल के लेल भीड़ जमा केनाई कठिन नहि होइत छैक
हुनक जे भाषण में हम बिहारक गौरव गाथा सुनल ओहिमे बुद्धा महावीर सब याद रह्लैन्ही मुदा फेर जानकी आ विद्यापति नहि
विशेष राज्यक दर्ज़ा लेल ओ अविकसित प्रान्तक गुट बनायब तक कही गेलाह – की देश में विभाजन करौताह ?
विकसित प्रांत कहैत अछि जे अविकसित लेल ओ खर्च नहि करत ने हुनक बढल जनसंख्या लेल ओ सब संसाधन जुटायत आ ताहि हेतु संसद सदस्य आदिक संख्या प्रायः १९७१क जनसंख्या पर फ्रीज़ कय देल गेलैक अछि ?
हुनक कथन जे समुद्र स दूर लैंडलौक्ड क्षेत्रके दुनिया भरिमे सुविधा भेटैत छैक हुनकर अज्ञानक परिचायक अछि- एक बिहार प्रांत अछि, देश नहि,
दोसर लैंडलौक्ड पंजाब हरयाणा बिना विशेष राज्यक दर्ज़ा के उन्नति केलक आ समुद्री छोड़ पर रहयबला ओडिशा सेहो पिछड़ा अछि आ बंगाल आ बाग्लादेश. म्यन्मार, तक पिछड़ा अछि?
नीतीश के आत्मालोचन आवश्यक छनि- जातीय आधार पर वोटरके संगठित आ समाज के विभाजित करक काज समाजवादी पुरोधा लोहिया आ हुनक चेला सब करैत रहल जाहिस बिहार, यु पी पिछड़ा अछि आ संगहि पैघ राज्य हेबाक चलते नेता केन्द्रित भय विकास पर ध्यान नहि दय एम्हर -उम्हर हेलिकोप्टरमे घुमैत रहित छथि आ केंद्र सरकार लग अपन पैघ सुबेदारीक दाबा आब प्रधानमंत्री क दाबा ठोके छथि जाहिस लाभ नहि भेल एही क्षेत्रक जनताके -=देवेगौडा, गुजराल के छोड़ी सब प्रधानमंत्री एहने बीमारू क्षेत्रक भेल ( मममोहन सेहो असामक प्रतिनिधि छथि) ??