बिहार विधान परिषद् मे 24 जुलाई क’ भेल महाभारतक विश्लेषण कतेको तरहें कएल जा रहल अछि। सबसँ पहिल वाकयुद्ध महिला मंत्रीक जवाब देम सँ असमर्थता सँ आरंभ भेल। भाजपा एहि तथ्यकेँ नमारलक जे विभागीय महिला मंत्री सदन मे जवाब नहि द’ रहल छथि आ हुनका बदला मे विजय कुमार चौधरी जवाब द’ रहल छथिन्हि। भाजपाक बोली मे तेखी सँ सत्तापक्ष दबाव मे आयल। भाजपा सदस्य व वैद्यनाथ चौधरीक प्रश्नक अति पिछड़ाक छात्रवृत्ति मे राशिक कमी सँ संबंधित छल। मंत्रीक जवाब सँ असंतुष्ट विपक्षी भाजपा एहि तथ्य पर घोंघौज पसार’ चाहलक ताकि सरकार क राजनीतिक स्तर पर फझिअत कराओल जाए जे ओ अति पिछड़ाक कल्याणक अनेरो अनघोल मचा रहल अछि जखन कि वास्तविकता फराक छैक । ताबत धरि सत्ता पक्ष खौंझा चुकल छल। नीतीश कुमारक लग मे बैसल सत्ताधारी जनता दल (यू) क संजय सिंह , नेता विपक्ष सुशील मोदी केँ कहलखिन्ह जे हुनका प्रत्येक प्रश्न पर उठबाक बेमारी भ’ गेल छन्हि। संजय सिंहक बोली मे जे कटुता रहैक, भाजपा के बर्दाश्त नहि भेलैक आ एकर प्रतिरोध करैत सुशील मोदी प्राय: पहिल बेर सदन वेश्मय मे एलाह आ हुनका पॉंछॉं-पॉंछॉं संपूर्ण भाजपा वेश्मत मे आबि हो-हल्लाह कर’ लागल। स्थितिक करालताक अनुमान लगिबत हि सभापति महोदय कार्यवाही स्थगित क’ देलखिन्ह । ता धरि भाजपाक सदस्यगण आक्रोशित भेल सदन वेश्म मे ठाढ़ भ’क’ हल्ला करिते रहथि कि ओ लोकनि संजय सिंहक दिशि घुरि गेलाह आ तकरा बाद पहिने वाकयुद्ध भेल आ जँ किछु मोटगर-डँटगर सदस्य आ मंत्रिगण थोर-थाम नहि करितथि त’ पहिने त’ संजय सिंह संगे दुर्व्यवहार होईत, पॉंछॉं किनका कतेक चोट लगितन्हि, कल्पनाक विषय थिक। दुनू पक्ष तामसे लोह छलाह। जखन सदन पुन: समवेत भेल, नीतीश कुमार पहिने तँ सदनक माध्यम सँ सभापति केँ अपन दु:ख सुनौलखिन्ह, मुदा बाद मे ओ न्याकयक मांग कर’ लगलाह। हुनकर कहब छलन्हि जे भाजपाक सदस्यगण सदन मे आ नेता प्रतिपक्ष बाहर मे मीडिया केँ कहलथिन्ह जे विवाद नीतीश कुमारक इशारा पर कएल गेल। नीतीशक कहब छलन्हि जे हमरा पर निरर्थक आरोप लगाओल जाए रहल अछि, जखन कि हम निर्दोष छी। हुनक स्पष्ट कहब छलन्हि जे सदन मे मीडियाक प्रतिनिधि बैसल रहैत छथि, हुनके सँ पुछि लेल जाए जे हमर कोनो इशारा छल अथवा नहि। ओ ऑगॉं स्पष्ट कयलन्हि जे सदनक कार्यवाहीक रिकार्डिंग ऑडियो आ वीडियो मे होईत छैक, एकरो आधार पर जांच भ’ सकैत अछि। विधान परिषद् जे ऑडियो रिकार्डिंग होईत छैक, ओ एखन धरि मानव नियंत्रित (मैन्युडअल) अछि। जखन कोनो माननीय सदस्य किछु बजबाक लेल ठाढ़ होईत छथिन्ह त’ ऑपरेटर हुनकर स्थान देखि क’ माईक-नियंत्रण मशीन केँ ट्युन करैत अछि आ तकरा बाद हुनक माईक ध्वनि विस्तारक सँ जुड़ैत अछि। ई होयबा मे किछु सेकेंड लगैत छैक। जा धरि ऑपरेटर हुनक माईक केँ सक्रिय (एक्टिव) नहि करत, ध्वनि नहि निकलतैक। एहन स्थिति मे वक्ताक स्थिति एहन रहैत छन्हि जे हुनक पहिल पॉंच सँ सात सेकण्डक गप्प़ माईक पर नहि अबैत अछि। छोट टुसकी, बैस क’ कएल गेल गप्पॉ, इशारा आदि माईक पर एहि दुआरे नहि अबैत अछि। आब वीडियोक चर्चा। सदन मे कार्यवाहीक कवरेज लेल तीन ठाम कैमरा लागल छैक। ई कैमरा सब सेहो मानव द्वारा नियंत्रित अछि। साधारणतया सदनक कोनो कोना धरि एहि कैमरा सँ फोटोग्राफी कएल जा सकैत छैक, मुदा एकरो ध्वनि माईक सँ संबद्ध छैक अर्थात् जखन सदन मे माईक काज करतै, तखने एहि कैमरा मे ध्वनि जेतैक। तेसर चीज, सदनक कार्यवाही संकलनक हेतु जतेक संवाददाता छथि, हुनक बैसबाक इंतजाम ऊपर मे अवस्थित प्रेस दीर्घा मे छैक। ओत’ स’ ओ महीन तरहक गप्प, नहि सुनि सकैत छथि। जखन वेश्म मे बहुत सदस्यो ठाढ़ भ’क’ हल्ला क’ रहल छथि, कोनो सदस्य द्वारा कएल गेल छोट संशोधन सुनब त संभव अछि। किछु चतुर एवं अनुभवी सदस्य हो-हल्ला मे अपन गप्प ऊपर करबाक लेल माईक सँ मुँह सटा क’ चिचिया क’ बजैत छैक,जेना आब ओ मुँह मे माईक कोंचि लेताह। मुदा नीतीशक भाषणक तथ्य ई छल जे मीडिया आ मशीनक सहायता सँ सिद्ध कएल जा सकैत छैक जे ओ दोषी नहि छथि। ओ ईहो घोषणा क’ देलन्हि जे एहन परिस्थिति मे ओ सदनक कार्यवाही मे भाग नहि लेताह। नीतीश दुख दूर करबाक पूर्ण चेष्टा कएल गेल। बिनु गलतियो के सभापति माफी मंगलन्हि। नेता, प्रतिपक्ष सेहो खेद व्यक्त कएलन्हि। नीतीशक समर्थन मे, हुनका प्रसन्न करबाक लेल चिरौरी सेहो भेल। मुदा ई प्रकरण सदन संचालन वा मीडिया प्रबंधन पर चर्चा करबाक पैघ मौका प्रदान सेहो कएलक। सबसँ पहिल गप्प जे जखन सभापति द्वारा कार्यवाही स्थगित केलाक बाद सभापति आसन सँ उठि क’ चलि गेलाह आ तकरा बाद भाजपा वा सत्तापक्षक सदस्यकगण बीच झगड़ा भेल त’ एकरा कोनो तरहें सदनक कार्यवाही नहि मानल जा सकैत अछि। दोसर जे, नेता, प्रतिपक्ष नीतीश कुमारक संबंध मे मीडिया मे बयान देलथिन्ह आ तकर पंचैती नीतीशजी सदन मे करओलन्हि। सदनक बाहरक देल गेल वक्तव्यक लेल सदन मे न्याय मांगब कोन तरहें उचित कहल जा सकैछ। जखन संजय सिंह नेता, प्रतिपक्षक प्रति असम्मानजनक शब्दक व्यवहार केलथि, नीतीश हुनका बगल मे चुपचाप बैसल छलथि। कोनो रोकटोक नहि। बाद मे ओ संजय सिंहक एहि कृत्यक लेल कनेको अफसोस नहि व्यक्त कएलन्हि। नीतीश स्पपष्ट कएलन्हि जे ओ मात्र सदस्य छथि। मुदा भाजपाक लेल नीतीश एखनो नेता छथि। एहि झगड़ा सँ स्पष्ट भेल जे चाहे संजय सिंह केँ सदनक मर्यादा सिखेबाक विषय हो अथवा एहन महिला मंत्रीक चयनक विषय हो जे कम सँ कम सदन मे उत्तर देबाक लेल ठाढ़ हेबाक साहस करथि, एकर जिम्मेवारी भाजपा नीतीश केँ दिये चाहैत छल। दोसर, मीडियाक प्रबंधनक विषय अछि। घटनाक दोसर दिनका समाचार पत्र सभक मुखपृष्ठ। जाहिमे विधान परिषद्क ओहि दृश्यक फोटो छापल गेल। विधान परिषद् सचिवालय सँ कोनो पत्रकार ओहि दिन फोटो खिचबाक अनुमति नहि नेने छलाह। स्पष्ट अछि, जे पत्रकारणगण प्रेस दीर्घा मे रहथि ओ अपन कैमरा सँ अथवा मोबाईल मे उपलब्ध कैमरा सँ ऊपर सँ फोटो खीचि अखबार मे छपलन्हि। एहि तरहक कृत्य गैर कानूनी त’ अछिए, मीडियाक संवेदनशीलता पर प्रश्नोचिह्न सेहो लगबैत अछि। मीडियाकर्मी के जे पास देल जाईत छन्हि ताहि मे बहुत रास चीज सदन मे ल’ जेबासँ प्रतिबन्ध् छैक। सदन मे मोबाईल ल’ जेबाक अनुमति त’ सदस्य तक केँ नहि छन्हि। ओना चोरा-छिपा क’ सदस्यगण वा मीडिया कर्मी मोबाईल ल’ जाईत छथि। मुदा मोबाईल सँ फोटो खिचब आ ओहि फोटो केँ समाचार पत्र मे छापि देब आ परिषद् सचिवालय अथवा सभापति दिस सँ कोनो तरहक प्रतिकार नहि कएल जायब, स्पष्ट करैत अछि जे जनतांत्रिक एवं संसदीय व्यावस्थाक निर्वहन मे कोताही झलकि रहल अछि। एतबे नहि, झगड़ा भेलाक किछु घंटाक बाद सदनक भीतुरका ‘फुटेज’ इलेक्ट्रॉनिक समाचार चैनल पर प्रसारित भ’ रहल छल। नीतीश जी सदन मे जे किछु कहलथि सेहो टी.वी.चैनल पर देखा रहल छल। प्रश्न ई उठैत अछि जे ओ फुटेज कोना बाहर आयल? सदनक कार्यवाहीक रेकर्डिंग निजी एजेंसी करैत अछि आ संभव छैक, ओकरा माध्यम सँ फुटेज बाहर निकलल हो। ईहो संभव अछि जे दर्शक दीर्घा मे बैसल मीडिया कर्मी सेहो रेकर्डिंग ’क’ फुटेज बाहर पठबैथ होथि। ई’त’ जॉंचक विषय अछि। मुदा ई घटना सदनक कार्यवाहीक अंकन संपूर्ण व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगबैत अछि। विधान परिषद् मे पत्रकार दीर्घा समिति अछि जकर अध्य्क्ष सभापति स्वयं छथि आ एहि समिति मे पटना मीडिया हाऊसक वरिष्ठ एवं अनुभवी सदस्यगण सब छथि। विश्लेषणक ई अर्थ नहि जे सदन मे सदस्यगण झगड़ा-फसाद करथि आ एकर जानकारी मीडियाक माध्यगम सँ बाहर नहि जाईक। विषय ई अछि जे पत्रकारगण केँ सदनक कार्यवाहीक आवश्यक जानकारी छन्हि अथवा नहि। घटनाक दोसर दिन नेता, प्रतिपक्ष द्वारा खेद व्याक्त कएल गेल। हालांकि एहि पूरा प्रकरणमे दोषी के छथि, एकर निष्कर्ष पर आयब आसान नहि। किछु कालक बाद नीतीशजी सदन मे एलाह। घटनाक्रमक पटाक्षेप हो, एकर प्रयास सत्तापक्ष वा विपक्ष दिस सँ भेल। पहिने सत्ता पक्ष भाजपाक किछु सदस्यणन पर अनुशासनिक कार्रवाईक मांग कएने छल आ बाद मे भाजपा द्वारा सेहो एहने मांग कएल गेल। दुनू दिस सँ अपन मांग वापस लेल गेल। मुदा संजय सिंह द्वारा कोनो तरहक प्रतिक्रिया नहि देल गेल। विधान परिषद् क एहि महाभारत मे धृतराष्ट्र क भूमिका मे के-के रहलाह, एकर निसाफ त’ इतिहास करत, मुदा जँ संवेदनशील विषय पर पक्ष, विपक्ष वा मीडिया द्वारा परिपक्वताक प्रदर्शन नहि कएल जायत त’ जनतांत्रिक गौरवशाली इतिहास पर अनेरो कारिखक थक्का एहिना लगैत रहत। विभिन्न राजनीतिक दलक शीर्ष नेता केँ प्रसन्न राखबाक प्रक्रियामे सदन आ सरकारक गरिमाके बचा क’ राखि लेब, सबसँ पैघ समस्या अछि।
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