प्रीतिलता
करीब चारि दशक पूर्व कोनो योजनाक शिलान्यास भेल हो, मुदा काज जमीन पर कतहु देखा नहि रहल हो, राजनीतिक चर्च स गायब भ चुकल हो आ जनमानस सेहो ओकरा मरल मानि चुकल हो, एहन मे अगर नव लक्ष्य तय क योजना कए लक्ष्य स एक वर्ष पूर्व तैयार क लेल गेल, सेहो कोरोना काल में..त निश्चित रूप स इ विभागक बदलल कार्यशैली कए देखा रहल अछि. मन मे सवाल उठैत अछि जे इ सब कोना संभव भेलैय. विभागीय मंत्री स पूछबा लेल मैथिली गजल क इ पाति उपयुक्त बुझा रहल अछि -कोनो टोना भलै कि छू मंतर,लाश अर्थी चढल जिया देलियै…
किछु कहां बदललै, वैह विभाग छै, वैह अधिकारी, वैह योजना आ वैह बजट. फेर इ संभव कोना भेल. एकटा मंत्री. जी हां, एकटा मंत्री. नेता अगर काज करनिहार हो, ओकरा लग दृष्टि आ लक्ष्य हो त काज कोना होइत छै, एकर उदाहरण अछि इ परियोजनाक पूरा होएब. अहांक मन मे इ सवाल उठि सकैत अछि जे एकटा परियोजना छल, पूरा भ गेल. एहि मे कोन बडका गप. मुदा इ आम परियोना नहि छल. बांध आ नहर मिथिलाक राजनीति कए 1952 स प्रभावित करैत आयल अछि. विज्ञानक संग समाज सेहो मानैत अछि जे बिना नहर क बांध लाभ कम विनाश बेसी करैत अछि. एहन मे अगर बांध बनलाक 40 साल बाद कोनो नहर निर्माणक काज पूरा होइत अछि त इ सवाल उठबाक चाहि जे एकरा बनबा मे कि दिक्कत छल जे 40 साल लागि गेल. पिछला 40 साल मे इलाकाक विनाश हमरा अहां स नुकायल नहि अछि.
संजय झा नागिरक उड्डयन मंत्री नहि छथि, संजय झा स्वास्थ्य मंत्री या कला संस्कृति मंत्री सेहो नहि छथि. संजय झा नीतीश कैबिनेट मे सबस हाल फिलहाल मे बनल जल संसाधन मंत्री छथि. 2019 मे लोकसभा चुनाव क बाद हुनका इ पद भेटल. एहन मे विभागीय मंत्रीक रूप मे संजय झाक समीक्षा आ परीक्षा दूनू लेल महज एक वर्ष क समय अछि.यैह कारण अछि जे संजय झाक चर्चा हुनकर विभागीय काज स बेसी दोसर विभाग मे हुनकर हस्तक्षेप पर होइत अछि. जेना दरभंगा एयरपोर्ट, दरभंगा एम्स आ मिथिला हाट. इ तीनू परियोजना हुकर विभाग स संबंधित नहि अछि. एकर अलावा संजय झाक चर्चा एहि लेल सेहो होइत अछि जे नीतीश कुमार हुनका पार्टीक आइटी विभाग क काज मे लगौने छथि. कतहु नहि कतहु एहि तरहक चर्चा में हुनकर अपन विभाग आ असली काज पर चर्चा हेरा जाइत अछि. लोकक ध्यान ओहि दिस कम जाइत छै.
मुदा एहि पर चर्च हेबाक चाही, किया त मिथिला मे बाढि आ बांध राजनीतिक संग संग सामाजिक बदलाव सेहो केलक आ चारि-पांच दशक स इ परियोजना राजनीतिक चर्चा क क्रम मे सबस पैघ सपना कहल जाइत रहल. आइ अगर इ सपना जमीन पर उतरल त एकर समीक्षा स परहेज किया. 26 अगस्त कमलाक कछैर मे बसल लोक लेल मुक्ति पर्व जेकां छल, मुदा ओहि तरहक लोक मे उत्साह नहि देखबा लेल अगर भेटल त ओकर एकटा कारण एहि परियोजनाक पूरा भ जायब, एकटा अविश्वासनीय सूचना अछि. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जखन 26 अगस्त कए जल संसाधन विभाग क 23टा योजनाक उद्घाटन केलथि त ओहि मे एकटा इ 40 साल स निर्माणाधीन झंझारपुर शाखा नहर सेहो शामिल छल.
कारण जे रहल हो, लेकिन इ सच छै जे पूर्वी कोसी नहर परियोजना जेबका तेजी स तैयार भेल, ओतबे शिथिल पश्चिमी कोसी नहर परियोजना कए राखल गेल. कई दशक पहिने शुरू भेल इ योजना एखनो पूरा नहि भ सकल अछि. पिछला 40-50 साल मे अगर किछु निर्माण कहबा लेल भेलो, त वो अनुपयोगी भ रहि गेल. एहि परियोजना क अधीन झंझारपुर शाखा नहर सेहो छल. जे पश्चिमी कोसी मुख्य नहर क बिंदु दूरी 69.00 स निकलैत अछि. एकर कुल लंबाई 42.07 किमी अछि. मतलब लगभग हर साल औसतन एक किमी नहरक निर्माण भेल. इ देखा रहल अछि जे एहि परियोजना कए पूरा करब पूर्व सरकार, विभाग या मंत्री तीनूक लक्ष्य नहि छल.आब एहि स त मुकरल नहि जा सकैत छै जे संजय कुमार झा क जल संसाधन मंत्री बनलाक बाद एहि दिशा मे प्रगति भेल.
आखिर 33.94 करोड़ टकाक लागत स झंझारपुर शाखा नहर क अवशेष आ पुनर्स्थापन दूनू काज दिसंबर 2019 मे प्रारंभ भेल. एकर 2021 क मध्य मे पूरा हेबाक लक्ष्य राखल गेल. मुदा मार्च मे कोरोना काल एलाक बाद बुझा रहल छल जे इ लक्ष्य एकटा चुनावी जुमला बनि रहि जायत. अविश्वासनीय रहल जे कोरोना काल मे निर्धारित समय स लगभग एक वर्ष पूर्वहि रिकार्ड अवधि मे परियोजना क एहि हिस्सा कए पूरा क लेल गेल. झंझारपुर शाखा नहर आ एहि स निःसृत खैरी आ डुमरियाही उपवितरणी मे विद्यमान चौर मे काज करा देल गेल अछि. झंझारपुर शाखा नहर क पुनर्स्थापन क कार्य सेहो पूरा भ चुकल अछि. एहन धरि मंच स सुनैत रही जे एहि नहर प्रणाली स करीब 33,000 हेक्टेयर मे सिंचाई सुविधा उपलब्ध होएत, आइ ओ भ गेल. मधुबनी जिला क बाबूबरही, अंधराठाढ़ी, झंझारपुर, लखनौर आ मधेपुर प्रखंड क किसान कए खेत तक जल पहुंचल. इ काज एतबा आसान छल त एतेक दिन भेल किया ने, पूर्व सरकार आ नेता कए करबा इच्छा नहि छल या सपना कए जमीन पर अनबाक सामर्थ नहि छल. ताहि लेल त संजय झा स इ सवाल दोहरा रहल छी- कोनो टोना भलै कि छू मंतर, लाश अर्थी चढल जिया देलियै…